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________________ ६ Jain Education International १ २ ९४. १५१६ ३ वैशाख वदि २ गुरुवार ४ " ८६ : वही,भाग-१,लेखाङ्क ९२२ ९५. १५१६ वैशाख सुदि २ विजयदेवसूरि के पट्टधर शालिभद्रसूरि पंचायती जैन मंदिर, जयपुर For Private & Personal Use Only नाहर, पूर्वोक्त - भाग-२, लेखाङ्क ११५५, एवं विनयसागर, पूर्वोक्त-लेखाङ्क लेखांक ५५३ लोढ़ा, पूर्वोक्त-लेखाङ्क ८३ श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९७ ९६. १५१६ ५ सुमतिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख शांतिनाथ की धातु की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख नमिनाथ की की प्रतिमा का लेख विमलनाथ की चौबीसी प्रतिमा का लेख शांतिनाथ की धातु की पंचतीर्थी प्रतिमा का लेख आषाढ़ सुदि १ शुक्रवार वीर चैत्यार्तगत आदीश्वरचैत्य. थराद पार्श्वनाथ जिनालय, लोद्रवा ९७. सोमचन्द्रसूरि के पट्टधर उदयदेवसूरि विजयदेवसूरि के उपदेश से शालिभद्रसूरि गुणरत्नसूरि के उपदेश से गुणसागरसूरि १५१७ चैत्र वदि ८ शुक्रवार नाहर, पूर्वोक्त-भाग-३, लेखाङ्क २५५४ ९८. १५१७ वैशाख सुदि ३ सोमवार वीर जिनालय, रीचीरोड, अहमदाबाद बुद्धिसागर, पूर्वोक्त भाग-१, लेखाङ्क ९५८ www.jainelibrary.org
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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