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________________ Jain Education International ८८. १५१३ माघ सुदि १३ रविवार धर्मनाथ की धातु-प्रतिमा का संभवनाथदेरासर, झवेरीवाड़ अहमदाबाद बुद्धिसागर,पूर्वोक्त-भाग-१, लेखाङ्क ८२१ शांतिसूरि के पट्टधर गुणरत्नसूरि चन्द्रप्रभसूरि लेख ८९. १५१५ वैशाख वदि २ गुरुवार लोढ़ा, पूर्वोक्त,लेखाङ्क ३६ आदिनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख चन्द्रप्रभ की प्रतिमा का लेख वीरचैत्यान्तर्गत आदीश्वर चैत्य, थराद | ९०. १५१५ वही, लेखाङ्क १४४ For Private & Personal Use Only वैशाख सुदि १३ विजयदेवसूरि रविवार के उपदेश से शालिभद्रसूरि ९१. १५१५ विमलनाथ की धातु-प्रतिमा का पार्श्वनाथ जिना०, भद्रावती कान्तिसागर, पूर्वोक्त-लेखाङ्क १५२ लेख पिप्पलगच्छ का इतिहास ९२. १५१५ माघ सुदि ६ गुरुवार उदयदेवसूरि आदिनाथ जिना०, बडोदरा बुद्धिसागर,पूर्वोक्त-भाग-२, लेखाङ्क ९८ धर्मनाथ की धातु की चौबीसी प्रतिमा का लेख नेमिनाथ की धातु की प्रतिमा का लेख ९३. १५१५ www.jainelibrary.org वही, भाग-१,लेखाङ्क ९४१ " वीर जिना० रीघी रोड, अहमदाबाद : ८७
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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