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________________ १६ : श्रमण/जनवरी-मार्च/१९९७ उवसमेण हणे कोहं, मद्दवया जिणे। मायं चाज्जव भावेणं, लोभं संतोषओ जिणे।। अर्थात् क्रोध को उपशम से, मान को मृदुता से, माया को सरलता से और लोभ को संतोष से जीतना चाहिए। संकल्प दृढ़ता से तनाव मुक्ति संकल्प में अनन्त शक्ति है। दृढ़ संकल्प के द्वारा मुश्किल से मुश्किल कार्य भी आसान हो जाता है। मुनि मोहन लाल शार्दूल ने भी कहा है - “मनुष्य के संकल्प में अपरिमित शक्ति होती है। जब वह संकल्प बल को संजोकर किसी अनुष्ठान के लिए प्रस्तुत होता है तो कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है। मनुष्य जब सुदृढ़ निर्णय करके बंधन तोड़ना चाहे तो वह प्रत्येक बंधन तोड़ सकता है, इसमें कोई संशय नहीं।६० अत: मानव दृढ़ संकल्पित हो तनावों से अवश्य ही मुक्त हो सकता है। संयमित आहार से तनाव मुक्ति कहा गया है "जैसा खाये अन्न, वैसा होगा मन"। व्यक्ति का भोजन यदि तामस व राजस की अपेक्षा सात्विकता से ओत प्रोत है तो उसके आचार-विचार में भी शुद्धता, निर्मलता और भव्यता परिलक्षित होगी। क्योंकि हमारे मन का सम्बन्ध हमारे आहार से होता है। हम जैसा आहार लेंगे, हमारे वैसे ही विचार होंगे। अखाद्य और अपेय पदार्थ आत्मतत्त्व को अपकर्ष की ओर ले जाते हैं। जिससे हमारे शरीर के मुख्य अंगों (हृदय, मस्तिष्क आदि) पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए कहा गया है कि तनाव जैसी भंयकर स्थिति से बचने के लिए मन की स्वस्थता अनिवार्य है और मन तभी स्वस्थ रह सकता है जब, निरामिष, परिमित, संतुलित एवं वासनाओं को उद्दीप्त न करने वाले पदार्थ यानि सात्विक भोजन ही ग्रहण किये जायं।६१ ___प्रस्तुत आलेख में संक्षेप में तनाव मुक्ति के कुछ उपाय बताये गये हैं, जिससे हम सर्वथा तनाव मुक्त हो सकते हैं। सही ढंग से यदि इन्हें जीवन में उतारा जाय तो मानव जीवन से तनाव शब्द ही गायब हो जायेगा। जब व्यक्ति संयमित जीवन यापन करने लगेगा तो व्यक्ति ही नहीं वरन् परिवार, समाज, राष्ट्र और यहां तक कि विश्व भी तनाव मुक्त हो जायेगा। सन्दर्भ ग्रन्थ सूची१. डॉ० हरदेव बाहरी, अंग्रेजी-अंग्रेजी हिन्दी कोश, ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी, प्रथम संस्करण १९९५ ई० सन्, पृष्ठ १०८३। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525029
Book TitleSramana 1997 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1997
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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