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________________ श्रमण : ४१ की प्रतीक्षा में हैं। इस पुस्तक के लेखक श्री शरद कुमार साधक जी ने अतीत के उन्हीं अधखुले पृष्ठों को जनसामान्य के सामने लाने का एक स्तुत्य प्रयास किया है। एक इतिहास लेखक के लिए तथ्यपरक दृष्टि और पूर्वाग्रहरहित होना आवश्यक होता है ताकि वह अतीत में घटी उन तमाम घटनाओं के वास्तविक स्वरूप को समझ सके। इतिहासकार क्रोसे के इस कथनानुसार कि, 'इतिहास केवल दार्शनिकों द्वारा लिखा जाना चाहिए', लेखक ने इतिहास को दर्शन के साँचे में ढालकर प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया है। - इस पुस्तक में इतिहास के साथ साथ जैन संस्कृति का प्रचुरता से उल्लेख है जो जिज्ञासुओं और धर्म प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण है। पुस्तक अनेक दृष्टियों से उपयोगी है। पुस्तक - जैन आगम साहित्य : एक अनुशीलन लेखक - आचार्य विजय जयन्तसेन सूरि प्रकाशक - श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट/श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मन्दिर, रतनपोल, हाथीखाना, श्री राजेन्द्र सूरि चौक, अहमदाबाद पृष्ठ - ( भूमिका, पुरोवनिका, प्राक्कथन सहित ) २९२, हार्ड बाइंडिंग मूल्य - ३०.०० रु०, विक्रम सं० २०५१, श्री राजेन्द्र सूरि सं० ८८ आचार्य जयन्तसेन सूरि की यह कृति जैनागमों के संक्षिप्त परिचयात्मक विवरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा सकती है। प्रस्तुत ग्रंथ में श्वेताम्बर परम्परा से मान्य आगमों का परिचय दिया गया है और इन अंग और अंग बाह्य आगमों तथा आगमिक व्याख्याओं में वर्णित विषय पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही उन आगमिक ग्रंथों में उद्धृत सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक व्यवस्था का भी विवरण दिया गया है। वैसे तो आगम साहित्य का विवरण देने वाले अनेक ग्रंथ लिखे गये हैं परन्तु प्रस्तुत कृति इन सबसे अलग हटकर सामान्यजन के लिए भी बोधगम्य मानी जा सकती है। आचार्यश्री ने संक्षिप्त एवं सरल शैली में इसका प्रणयन कियां है। डॉ० सागरमल जैन द्वारा लिखित इस ग्रंथ की भूमिका का शोधार्थियों के लिए विशेष महत्व है। जिज्ञासु सामान्य पाठकों के लिए यह एक संग्रहणीय एवं पठनीय ग्रंथ है। ग्रंथ का मुद्रण एवं बाइंडिंग आकर्षक है। ऐसे सुन्दर एवं उपयोगी ग्रंथ के लिए प्रकाशक एवं लेखक बधाई के पात्र हैं। पुस्तक - समाधान की ज्योति लेखक - मुनि श्री जयानंद जी म० प्रकाशक - गुरु रामचन्द्र प्रकाशन समिति, भीनमाल ( जालोर ) संस्करण - द्वितीयावृत्ति ( १९९४ ) मूल्य - पठन-पाठन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525020
Book TitleSramana 1994 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1994
Total Pages50
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size3 MB
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