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सन्दर्भ
संवत् 1503 वर्षे आसो वदि 4 गुरौ श्रीपार्श्वनाथचरित्र पुस्तकं लिखापितमस्ति । ।
संवत् 1504 वर्षे वैशाख सुदि षष्ठी भौमे श्री प्राग्वाट ज्ञातीय मं. धना भार्या धांधलदे पुत्र मं. मारू भार्या चमकू पितृमातृ स्वश्रेयोर्थं श्रीपार्श्वनाथचरित्र पुस्तकं अषि ।। श्रीभीमपल्लीय श्रीपूर्णिमापक्षे मुक्ष [ मुख्य ] श्रीपासचन्द्रसूरिपट्टे श्री 3 जयचन्द्रसूरिभिः
प्रदत्त ।।
अमृतलाल मगनलाल शाह संपा. श्रीप्रशस्ति संग्रह अहमदाबाद, वि. सं. 1993, भाग 2, पृष्ठ 10.
इति श्री श्री श्रीभावचन्द्रसूरिविरचिते गद्यबंधे श्रीशांतिनाथचरिते द्वादशभववर्णनो नाम षष्टः
प्रस्तावः ।।
H.R. Kapadia, Ed. Descriptive Catalogue of Mss in the Govt. Mss Library deposited at the Bhandarkar Oriental Research Institute, Serial No. 27, B.O.R.I. Poona, 1987 A.D. No. 733, pp. 118-119.
पूनम पक्ष मुनिचन्द्रसूरि राजा,
तासु ससि जयइ पइ जइराजा । पनर त्रिपन्न कीधु रास,
res गुणइ तेह पूर आस ।।
मोहनलाल दलीचन्द देसाई
जैन गूर्जर कविओ भाग 1, नवीन संस्करण [ संपा. डॉ. जयन्त कोठारी ] महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई, 1986 ईस्वी, पृष्ठ 203-204. इति
शिष्यमुनिविद्यारत्नविरचिते चतुर्थोल्लासः
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श्रीपूर्णिमापक्षे भट्टारक श्रीमुनिचन्द्रसूरि शिवगतिवर्णनो
नाम
श्रीकुर्म्मापुत्रकेवलिचरित्रे परिपूर्णस्तत्परिपूर्णोपरिपूर्णतामभजतायमपि ग्रन्थ इति भद्रम ।।
A. P. Shah - Catalogue of Sanskrit and Prakrit Mss: Muni Shree Punya Vijayajis Collection, Part II, L.D. Series No. 5, Ahmedabad, 1965, A. D. pp. 300-302.
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