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1790
माघ सुाद ..?
नषधमहाकाव्य
प्रतिलेखनप्रशस्ति
सारक
शिव प्रसाद
1791
जिनधर्मवरस्तव
मूल प्रशस्ति
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महिमाप्रभ पट्टधर भावप्रभसूरि भावप्रभसूरि एवं उनके गुरुभ्राता मुनिलाल भावप्रभसूरि एवं उनके शिष्य भावरत्न भावप्रभसूरि
भाद्रपद वदि 8 सोमवार पौष वदि 2 शनिवार माघ सुदि 7
1792
कल्पसूत्रअन्तरवाच्य मूल प्रशस्ति
52. 1793
प्रतिमाशतकलघुवृत्ति
मूल प्रशस्ति
गुरुवार
भावप्रभसूरि वही, क्रमांक 4779
पृ. 278-79 मुनिलाल वही, क्रमांक 1511
पृ. 96 भावप्रभसूरि वही, क्रमांक 662
पृ. 54 पूर्वोक्त, क्रमांक 3263
पृ. 180-181 भावरत्नसूरि वही, क्रमांक 6009
पृ. 387 वही, क्रमांक 1759 पृ. 100 भावप्रभसूरि वही, क्रमांक 5196
पृ. 337-338
53. 1795
तिथिविहीन
धातुपाठविवरण
प्रतिलेखनप्रशस्ति
भावप्रभसूरि के पट्टधर भावरत्नसूरि भावप्रभसूरि
54. 1795
भाद्रपद वदि 13 महावीरस्तोत्रवृत्ति
मूल प्रशस्ति
गुरुवार
1798
तिथिविहीन
मुद्रितकुमुदचन्द्र
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प्रतिलेखनप्रशस्ति
महिमाप्रभसूरि के पदधर भावप्रभसूरि
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