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________________ 1553 पाक्षिकसूत्रअवधार प्रातलखनप्रशास्त चत्र साद8 रविवार पृ. 78 शिव प्रसाद Jain Education International 1555 स्नात्रपंचाशिका प्रतिलेखनप्रशस्ति चतुःशरणअवचूरि पाक्षिकसूत्रअवचूरि प्रतिलेखनप्रशस्ति प्रतिलेखनप्रशस्ति 1555 ___भाद्रपद सुदि 9 1555 __ मार्गशीर्ष वदि 4 रविवार 12. 1565 भाद्रपद वदि 4 रविवार श्रावण प्रतिपदा प्रज्ञापनासूत्र भगवतीसूत्रवृत्ति प्रतिलेखन की दाता प्रशस्ति प्रतिलेखन की दाता प्रशस्ति प्रतिलेखनप्रशस्ति 1566 प्रतिक्रमणसूत्रवृत्ति For Private & Personal Use Only कार्तिक वदि 4 बुधवार ज्येष्ठ वदि 9 मुवनप्रभसार एव उनक वहा, क्रमाक 950 शिष्य कमलसंयम तथा वीरकलश भुवनप्रभसूरि एवं उनके वीरकलश वही, क्रमांक 2278 शिष्य वीरकलश पृ. 110 जयप्रभसूरि जयप्रभसूरि वही, क्रमांक 464,पृ. 43 भुवनप्रभसूरि एवं उनके मुनिरत्नमेरु वही, क्रमांक 951 शिष्य मुनि रत्नमेरु पृ. 78 भुवनप्रभसूरि वही, क्रमांक 388 पृ.35 भुवनप्रभसूरि वही, क्रमांक 266 पृ. 25 भुवनप्रभसूरि एवं उनके मुनि राजसुन्दर वही, क्रमांक 800 शिष्य मुनि राजसुन्दर पृ. 71 भुवनप्रभसूरि एवं उनके राजमाणिक्य वही, क्रमांक 4877 शिष्य कमलप्रभसूरि पृ. 307 एवं उनके शिष्य राजमाणिक्य जयप्रभसूरि के शिष्य मुनिरलमेरु वही, क्रमांक 4748 भुवनप्रभसूरि एवं पृ. 272 उनके शिष्य मुनिरत्नमेरु कमलप्रभसूरि एवं उनके राजमाणिक्य पूर्वोक्त, क्रमांक 3891 शिष्य राजमाणिक्य पृ. 224 जयसिंहसूरि एवं उनके यशस्तिलकसरि वही, क्रमांक 144 शिष्य यशस्तिलकसूरि पृ. 12 1574 वत्सकुमारकथा प्रतिलेखनप्रशस्ति 1574 आदिनाथमहाकाव्य प्रतिलेखनप्रशस्ति चैत्र सुदि 13 बुधवार 1575 कृतकर्मनुपचारित्र प्रतिलेखनप्रशस्ति ज्येष्ठ वदि 4 गुरुवार तिथिविहीन 1588 प्रमाणमंजरी पनि प्रतिलेखनप्रशस्ति www.jainelibrary.org
SR No.525012
Book TitleSramana 1992 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1992
Total Pages82
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size4 MB
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