SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 54
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण, जुलाई-सितम्बर, १९९१' सोनागिरि में था।' इस पुराण में १४ सन्धियाँ तथा ३०२ कडवक हैं' जिनमें ऋषभदेव चरित, हरिवंशोत्पत्ति वसुदेव, बलभद्र, नेमिनाथ पाण्डवों आदि का वर्णन किया गया है। ___इस हरिवंश पुराण की हस्तलिखित प्रतियाँ कुरवाई (सागर) के जैन मन्दिर में तथा ब्यावर के सरस्वती भवन, तथा आगरा के जैन सिद्धान्त भवन में उपलब्ध हैं। ३. पावपुराण-तेईसवें तीर्थंकर पार्वपुराण के जीवन चरित को लेकर महाकवि रइध ने इस पार्श्वपुराण की रचना की। इसकी कथावस्तु ७ सन्धियों में विभक्त है। रइधु की समस्त कृतियों में अपभ्रंश भाषा का यह काव्य श्रेष्ठ, सरल एवं रुचिकर है। इस पार्श्व पुराण की हस्तलिखित प्रतियाँ ब्यावर के ऐ० पन्नालाल सरस्वती भवन, आमेर शास्त्र भण्डार, जयपुर और दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर, आगरा में उपलब्ध है।" डा० कासलीवाल के अनुसार दिगम्बर जैन मन्दिर बोसली कोटा में भी इस पुराण की प्रति उपलब्ध है। महाकवि रइधू विरचित 'महावीर पुराण' तथा 'बलभद्र' का भी उल्लेख मिलता है । 'महावीर पुराण' की हस्तलिखित प्रति कुंचा सेठ का दिगम्बर जैन मन्दिर दिल्ली में उपलब्ध है। तथा बलभद्र पुराण की हस्तलिखित प्रति आमेर शास्त्र भण्डार, जयपुर; ठोलियों का दिगम्बर जैन मन्दिर, जयपुर तथा धर्मपुरा दिगम्बर जैन मन्दिर, दिल्ली में उपलब्ध है। डा० राजाराम जैन ने विभिन्न स्रोतों के आधार पर अभी तक महाकवि रइधू की ३७ रचनाओं का अन्वेषण १. भट्टारक सम्प्रदाय, लेखांक ५९४ २. तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा, भाग ४, पृ० २०२ ३. अपभ्रंश भाषा और साहित्य की शोध प्रवृत्तियाँ, पृ० १७५ ४. जिनरत्नकोश, पृ० २४६ ५. अपभ्रंश भाषा और साहित्य की शोध प्रवृत्तियाँ, पृ० १४६ ६. राजस्थान के जैन शास्त्र भंडारों की ग्रन्थ सूची (पंचम भाग) पृ० २९०. ७. अपभ्रंश भाषा और साहित्य की शोध प्रवृत्तियाँ, पृ० १५६ ८. वही, पृ० १४९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525007
Book TitleSramana 1991 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy