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________________ ( ६३ ) आहार पर्याप्तियों के योग्य पुद्गल रूप नोकर्मों और बाह्यपदार्थ घटपादिका कर्ता है किन्तु अशुद्ध निश्चय नय से रागद्वेषादि भावकर्मों का कर्ता है ।" पंचास्तिकाय की तात्पर्य वृत्ति में भी कहा गया है कि अशुद्ध निश्चय नय की दृष्टि में शुभाशुभ परिणामों का परिणमन होना ही आत्मा का कर्तृत्व है । अतः व्यवहारनय या उपचार से ही आत्मा ज्ञानावरणादि कर्मों का कर्ता है । 'कर्मबन्ध का निमित्त होने के कारण उपचार से कहा जाता है कि जीव ने कर्म किये हैं, उदाहरणार्थ- सेना युद्ध करती है किन्तु उपचार से कहा जाता है कि राजा युद्ध करता है, उसी प्रकार आत्मा व्यवहार दृष्टि से ही ज्ञानावरणादि कर्मों का कर्ता कहलाता है' । ' प्रवचनसार की टीका में कहा गया है कि आत्मा अपने भावकर्मों का कर्ता होने के कारण उपचार से द्रव्य कर्म का कर्ता कहलाता है, जिसप्रकार लोक रूढ़ि है कि कुम्भकार घड़े का कर्ता व भोक्ता होता है उसी प्रकार रूढ़िवश आत्मा कर्मों का कर्ता व भोक्ता है ।" पर और आत्मद्रव्य के एकत्वाध्यास से आत्मा कर्ता होता है । ६ जीव (आत्मा) और पुद्गल में निमित्त - नैमित्तिक सम्बन्ध है । किसी भी क्रिया के सम्पादित होने में उपादान - उपादेय एवं निमित्तनैमित्तिक कारण मुख्य हैं । जो स्वयं कार्यरूप परिणमन करता है वह उपादान कहलाता है और जो कार्य होता है वह उपादेय कहलाता है, जैसे- मिट्टी घटाकार में परिणित होती है, अतः वह घट का उपादान है और घट उसका उपादेय है । यह उपादान - उपादेय भाव सदा एक ही द्रव्य में बनता है क्योंकि एक द्रव्य मन त्रिकाल में भी नहीं कर सकता । उपादान को कार्य रूप में परि अन्य द्रव्य रूप परिण १. द्रव्य संग्रह - टीका नेमिचन्द्र सम्पा० कोठिया, दरबारी लाल, श्री गणेश प्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थ माला - १६ वाराणसी, १९६६ पृ० ८; श्रावकाचार ( वसुनन्दि ) ३५. २. चूलिका गाथा ५७ ३. समयसार - १०५-८१ ४. प्रवचनसार - तत्त्वदीपिका टीका २९ ५. समयसार आत्मख्याति टीका ८४ ६. समयसार - ९७ ७. नो भौ परिणमतः खलु परिणामो नोभयोः प्रजायेत, समयसार गाथा ८६ पर अमृत चन्द टीका पृ० १० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525005
Book TitleSramana 1991 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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