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________________ पुण्य-स्मृति ___ श्रीमती शकुन्तला रानी जैन पत्नी श्री शादीलाल जी जैन, मालिक श्री मोती लाल मुनीलाल जैन अमृतसर, का निधन २५-१२-१९९० को अमृतसर में हो गया। उनकी आयु ७२ वर्ष की थी। वे सुयोग्य गृहणी, धर्मपरायण, मृदुभाषी, समाजसेवी व अन्य गुणों से परिपूर्ण थीं। वे संस्थान के मन्त्री श्री भूपेन्द्र नाथ जी जैन एवं कोषाध्यक्ष श्री सुमति प्रकाश जी एवं उपाध्यक्ष श्री नृपराज जी की बहन थी। संस्थान के विकाश में उनकी बहुत रुचि थी। पार्श्वनाथ विद्याश्रम परिवार उन्हें अपनी भाव-प्रवण श्रद्धांजलि अर्पित करता है। SON m है:9815 __ आचार्य श्री हस्तीमल जी का (निमाज पाली) में सल्लेखनापूर्वक समाधिकरण हो गया। आचार्य श्री स्वाध्याय और सामायिक साधना के प्रबल पोषक थे। आपकी प्रेरणा से विभिन्न नगरों में स्वाध्याय संघों की स्थापना हुई। आपने दशवैकालिक, उत्तराध्ययन आदि आगम ग्रन्थों की संस्कृत और हिन्दी व्याख्यायें लिखी थी। आपके देहावसान से स्थानक वासी जैन समाज के एक वरिष्ठतम विद्वान की अपूरणीय क्षति हुई है। पार्श्वनाथ विद्याश्रम परिवार उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है।। जैन धर्म एवं दर्शन के उदीयमान विद्वान श्री जीतेन्द्र बी० शाह अहमदाबाद के पूज्य पिताजी श्री बाबूलाल जी शाह का दिनांक २८ मार्च को अहमदाबाद में स्वर्गवास हो गया। आप श्री धर्म-प्रवण एवं समाज-सेवी सुश्रावक थे। आपके निधन से एक उदार, धर्मप्रेमी श्रावक हम लोगों के बीच से उठ गया है। पार्श्वनाथ विद्याश्रम परिवार मृतात्मा के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। श्री जितेन्द्र शाह एवं अन्य आत्मीय जनों के प्रति सम्वेदना व्यक्त करता है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525005
Book TitleSramana 1991 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1991
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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