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________________ ( १०७ ) संस्करण : ___ अद्यावधि पाटन', जामनगर और शान्तिनिकेतन से प्रबन्धकोश के तीन संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। प्रबन्धकोश के दो प्रबन्ध बप्पभट्टिसूरि प्रबन्ध और वस्तुपाल प्रबन्ध अलग से भी प्रकाशित हैं। अब तक इसके दो गुजराती रूपान्तर भी प्रकाशित हो चुके हैं। सन् १८९५ ई० में ननुभाई द्विवेदी कृत गुजराती अनुवाद चतुर्विंशति प्रबन्ध शीर्षक से बड़ौदा से प्रकाशित है । सन् १९३४ ई० में हीरालाल रसिकलाल कापडिया कृत गुजराती अनुवाद फोर्बस गुजराती सभा बम्बई के तत्त्वावधान में प्रकाशित है। २. षड्दर्शन समुच्चय :६ १८० श्लोकों में विरचित इसमें जैन, सांख्य, जैमिनीय, योग, वैशेषिक और बौद्ध दर्शनों के सन्दर्भ में प्रत्येक के अनुसार प्रतीक (लिङ्ग), वेश, आचार, प्रमुख देव, गुरु, प्रमाण, तत्त्व, मुक्ति, सम्प्रदाय-भेद का परिचय दिया गया है। इसमें योग शीर्षक के अन्तर्गत न्याय दर्शन १. हेमचन्द्राचार्य सभा, पाटन, पाण्डुलिपि आकार, पृ० १३८, सन् १९२१ २. संशोधक वीरचन्द्र और प्रभुदास, हीरालाल हंसराज, जामनगर, सन् १९३१ ३. सं० मुनि पूण्यविजय, सिंघी जैन ज्ञानपीठ शान्तिनिकेतन ४. आगमोदय समिति बम्बई ( १९२५ ई० ) से बप्पभट्रिचरित के रूप में प्रकाशित है। ५. बालचन्द्र सरि कृत 'वसन्तविलास, गायकवाड ओरियण्टल सिरीज बड़ौदा से प्रकाशित' के परिशिष्ट के रूप में ६. (अ) मूल-यशोविजय जैन ग्रन्थमाला वाराणसी सन् १९१२ ई० । (ब) मूल --आगमोदय समिति सूरत सन् १९१८ ई० हरिभद्र के षड्दर्शन समुच्चय के साथ (स) मूल ऋषभदेव जी केशरीमल जी श्वेताम्बर संस्था रतलाम १९३७ ई० संस्कृत प्राचीन प्रकरणादि समुच्चय के अन्तर्गत ब्र यूदर्शनानि षट् । तेषां लिंगे च वेषं च आचारे दैवते गुरौ ॥२॥ प्रमाणतत्त्वयोर्मुक्तौ तर्के भेदो निरीक्ष्यते। षडदर्शन समुच्चय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.525004
Book TitleSramana 1990 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshok Kumar Singh
PublisherParshvanath Vidhyashram Varanasi
Publication Year1990
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Sramana, & India
File Size5 MB
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