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जैनविद्या 18
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11, वही, 28-411 12. वही, 43-461 13. सर्वार्थसिद्धि,1.5.8। 14.
रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 491 15. वही, 50-511 16. (क) तत्त्वार्थ सूत्र, 7.1 (ख) धवला, 8.3, 41.82.5। 17. रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 721 18. वही, 52-621 19. वही, 54, 56, 58, 60, 62,73, 81, 90, 96, 105, 110, 121 । 20. वही, 64-651 21. पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय, श्लोक 61। 22. सागारधर्मामृत, पं. आशाधर, 2.18 । 23. चारित्रसार, 30.3। 24. राजवार्तिक, हिन्दी, 7.20.558। 25. रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 67-1211 26. सागार धर्मामृत, 5.1। 27. (क) महापुराण, 10.165 (ख) भगवती आराधना, मूल, 20811 28. रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 671 29. वही, 91। 30. चारित्र पाहुड, मूल 261 31. वसुनन्दि श्रावकाचार, 217-219,2701 32. भगवती आराधना, मूल, 2082-2083 । 33. सर्वार्थसिद्धि, 7.21, 22। 34. रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 93-941 35. वही, 97-1031 36. वही, 106-1081 37. वही, 111-1121 38. धवला, 13.5,5,137.389.121
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, क्षुल्लक जिनेन्द्रवर्णी, भाग 2, पृष्ठ 4201 रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 114-116। वही 119-1201 (क) सर्वार्थसिद्धि, 7.22, 363.1 (ख) भगवती आराधना, मूल, 206/4231 रत्नकरण्ड श्रावकाचार, 124-128।
वही, 129-1301 45. वही, 131-1341 46. वही, 136-1471
'मंगल कलश' 394, सर्वोदय नगर, आगरा रोड, अलीगढ़ (उ.प्र.), 202001
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