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________________ जैन विद्या स्त्रीलिंग जा (जो) एकवचन बहुवचन प्र. ध्रु, जु जा, ज जाउ, जउ जाओ, जो द्वि. ध्रु, जु जाउ, जउ जाओ, जो तृ. जाए, जए जाहिं, जहिं च. जा, ज . जा, ज पुल्लिग क (कौन) एकवचन बहुवचन प्र. क, का, कु, को .क, का द्वि. क, का, कु क, का तृ. के, केण, केणं कहिं, काहि केहि (च. क, का क, का जा, ज ( ष. जाहे, जहे पं. जाहे, जहे स. जाहिं, जहिं कसु, कासु कहं, काहं कहो, काहो कस्सु, कासु पं. कहां, काहां ____ कहुं, काहुं किहे स. कहिं, काहि कहि, काहिं जाहु, जहु जाहु, जहु जाहिं, जहिं नपुंसकलिंग-क (कौन) एकवचन बहुवचन प्र. क, का, कु क , का कई, काई द्वि. क, का, कु क, का कई, काई कें, केण, केणं कहि, कहिं केहि स्त्रीलिंग-का (कौन) एकवचन बहुवचन प्र. का, क का, क....... काउ, कर कामो, को द्वि. का, क का, क काउ, कउ कामो, को तृ. काए, कए काहिं, कहि च. का, क का, क क, का कह, काहं . । . क, का २ व कसु, कासु (प. कहो, काहो कस्सु, कासु पं. कहां, काहां - प. काहे, कहे कहे पं काहे, कहे कहुं, काहुँ काहु, कहु .. . काहु, कहु . काहिं, कहि. किहे स. कहि, काहिं ___कहि, काहिं स. काहिं, कहि
SR No.524757
Book TitleJain Vidya 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra Jain & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1988
Total Pages112
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size11 MB
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