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जनविद्या
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मइ (स्त्री), लच्छी (स्त्री) के . =महहे, लच्छोहे, घेण्हे, बहूहे
__(षष्ठी एकवचन) घेणु (स्त्री.) और बहू (स्त्री) =मइहे, लच्छीहे, घेण्हे, बहुहे
___ (पंचमी एकवचन) 21. भ्यसामोर्तुः 4/351
भ्यसामोर्तुः [(भ्यस्)+(प्रामोः)+(हुः)] [(भ्यस्)-(प्राम्) 1/2] हुः (हु) 1/1 (स्त्रीलिंग शब्दों में) भ्यस् और पाम् के स्थान पर ('हु' होता है)। अपभ्रंश में प्राकारान्त, इकारान्त और उकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में भ्यस् (पंचमी बहुवचन के प्रत्यय) और पाम् (षष्ठी बहुवचन के प्रत्यय) के स्थान 'हु' पर होता है। कहा (स्त्री) (कहा+भ्यस्)=(कहा+हु)=कहाहु (पंचमी बहुवचन)
(कहा+प्राम्)=(कहा+हु)=कहाहु (षष्ठी बहुवचन) मइ (स्त्री), लच्छी (स्त्री)
=मइहु, लच्छोहु, घेणुहु महहु
(पंचमी बहुवचन) घेणु (स्त्री) और बहू (स्त्री) के माहु, लच्छीह, घेणुहु, बहूहु
(षष्ठी बहुवचन) 22. हि 4/352
महि [(डे:) + (हिं)] के: (ङि) 6/1 हिं (हिं)1/1 (स्त्रीलिंग शब्दों में) 'डि' के स्थान पर 'हि' (होता है)। अपभ्रंश में प्राकारान्त, इकारान्त और उकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों में 'हि' (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर 'हि' होता है। कहा (स्त्री)-(कहा+ङि) = (कहा--हिं)=कहाहि (सप्तमी एकवचन) मह (स्त्री)-(मइ+ङि)=(मइ+हिं)=महि (सप्तमी एकवचन) लच्छी (स्त्री), घेणु (स्त्री) के लच्छोहि, घेहि, बहूहि और बहू (स्त्री)
(सप्तमी एकवचन) 23. क्लीवे जस्-शसोरि 4/353
क्लीवे जस्-शसोरि [(जस्)-(शसोः) + (इं)] क्लीवे (क्लीबे) 7/1 [(जस्)-(शस्) 6/2] ई (इं) 1/1 नपुंसकलिंग में जस् और शस् के स्थान पर 'इ' (होता है)। प्रकारान्त, इकारान्त और उकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों में अस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय), शस् (द्वितीया बहुवचन के प्रत्यय) के स्थान पर '' होता है। कमल (नपुं.)- (कमल+जस्)=(कमल+इं)=कमलई (प्रथमा बहुवचन)
(कमल+शस्) = (कमल+इं) कमलई (द्वितीया बहुवचन) वारि (नपुं.) और
वारिई, महुइं (प्रथमा बहुवचन) महु (नपुं.)
वारिई, महुइं (द्वितीया बहुवचन)