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जनविद्या
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अधर .. भाल
कुबड़ा अंग आँख
हृदय
बिम्बाफल राजपट्ट अग्नि से दग्ध वृक्ष कीचड़ का बुलबुल पलटी पीठ वृक्ष पल्लव नये अंकुर नये कोपल कमल नाल
जिह्वा
(जस. 1.17) (जस. 1.17) (जस. 2.6) (जस. 2.6)
(जस. 2.6) (णाय. 3.35) (णाय. 3.35) (णाय. 4.6) (णाय. 2.1) (जस. 1.17) (णाय. 3.4)
नख
कामिनी की भुजायें
नासिका
स्कन्ध
वल्ली की शाखायें चम्पक पुष्प सिंह सदृश कूक जलतरंग
मधुर शब्द त्रिवली
(णाय. 2.1) (णाय. 1.17)
3. वस्तु के संदर्भ में उपमान
तोरण मणिमय श्मशान भूमि .. खड्ग सहित राजा रत्नप्रभा कुंकुम कामासक्त राजा दिशा
(जस. 1.4) (जस. 1.13) (जस. 1.16) (जस. 1.22) (जस: 1.22)
(जस. 2.1)
(जस. 2.4) - (जस. 2.2)
सन्ध्या
मणिमय हारयुक्त पुरवासियों के मुख यमराज की. गोचर भूमि दाढ़ों से भोजन करता सिंह धवलकीर्ति पदमराग मरिण हस्तियों के बीच वनगजेन्द्र नारी लता चक्र, कृष्ण, गुरुमंडन, कीर्तिमुख, अमृतकुंड, यशःपुंज, श्वेत छत्र अशोक वृक्ष का नवीन पल्लव, सिंदूरपुंज, अरुण छत्र, चूड़ारत्न लालकमल लाल अंकुर हिमहारावलि तारागरण
चन्द्र
(जस. 2.2)
ज्योत्स्ना थाल की कटोरियां
अचार. . . .. विषेले लड्डू
(जस. 2.12) (जस. 2.12) (जस. 2.2) (जस. 2.2) (जस. 2.23) (जस. 2.24) (जस. 2.24)
शत्रु
घातक मृत्य