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________________ महावीर पुरस्कार श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित नैनविद्या संस्थान, श्रीमहावीरजी (Institute of Jainology) के सन् 1984 के रु० 5000/- के महावीर पुरस्कार के लिए प्राप्त कृतियों में से कोई भी कृति संस्थान समिति द्वारा पुरस्कार योग्य नहीं पाई गई अतः 1984 का पुरस्कार निरस्त कर दिया गया है। 1985 के महावीर पुरस्कार के लिए 1983 से 1985 के मध्य प्रकाशित/अप्रकाशित हिन्दी, प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश अथवा अंग्रेजी में लिखित जैन साहित्य से सम्बन्धित किसी भी विषय की कोई भी रचना, चाहे वह पुस्तक हो या स्वीकृत शोध प्रबन्ध, 31 जनवरी, 1986 तक आमंत्रित है। नियमावली तथा आवेदन-पत्र आदि प्राप्त करने के लिए दो रुपये का पोस्टल आर्डर निम्न पते पर आना चाहिए--- एस०बी०-10, जवाहरलाल नेहरू मार्ग, डॉ. गोपीचन्द पाटनी संयोजक नैनविद्या संस्थान पुर-302004
SR No.524753
Book TitleJain Vidya 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPravinchandra Jain & Others
PublisherJain Vidya Samsthan
Publication Year1985
Total Pages120
LanguageSanskrit, Prakrit, Hindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vidya, & India
File Size11 MB
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