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स्कन्ध भी अनुकूल संयोग प्राप्त होने पर योनि बन सकते हैं पर सभी पौद्गलिक स्कन्ध योनि बने ही, ऐसा नहीं है। जब तक ये परिणमन योनि का रूप नहीं लेते, तब तक पौद्गलिक ही हैं - अजीव ही हैं। जब इनमें योनि की क्षमता प्राप्त होती है, तब उनमें जीव उत्पन्न हो सकते हैं। तेजस्काय के जीव की योनि उष्ण ही होती है । किन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि सभी उष्ण पुद्गल उसकी योनि हैं। 23
उपर्युक्त जैन मान्यताओं के आधार पर हम तेजस्काय के जीवों की उत्पत्ति आदि के विषय में चर्चा कर सकते हैं।
3. विज्ञान में पुद्गल
जैन दर्शन जिसे पुद्गल कहता है, उसकी दो अवस्थाओं को विज्ञान ने स्वीकार किया 1. पदार्थ या मेटर (Matter) 2. ऊर्जा या एनर्जी (Energy)
प्राचीन विज्ञान (Classical Physics) में इन दोनों को नितान्त भिन्न माना जाता पर आधुनिक विज्ञान ने अब इनकी मौलिक एकता को स्वीकार कर लिया है। इसलिए अब विज्ञान के अनुसार ऊर्जा का पदार्थ के रूप में और पदार्थ का ऊर्जा के रूप में रूपान्तरण संभव है । आइन्स्टीन द्वारा प्रदत्त प्रसिद्ध समीकरण है
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ऊर्जा = द्रव्यमान x C± (C= प्रकाश का वेग )
इसी प्रकार जिसे प्राचीन विज्ञान ने मूल पदार्थ (Element) की संज्ञा दी थी, उसे भी दूसरे मूल पदार्थ के रूप में बदला जा सकता है। विज्ञान ने 92 मूल पदार्थों को स्वीकार किया है, जिनमें प्रथम क्रमांक है - हाइड्रोजन का तथा 92वें क्रमांक में है - यूरेनियम । कृत्रिम रूप से निर्मित मूल पदार्थों का क्रमांक 100 से भी ऊपर चला गया है।24 इन मूल पदार्थों का भी परस्पर रूपान्तरण “परमाणु भौतिकी " (Atomic - Physics) के माध्यम से संभव बना है । हाइड्रोजन को हिलियम (क्रमांक 2 ) तथा यूरेनियम (क्रमांक 92 ) को सीसे ( Lead) (क्रमांक 82 ) में परिवर्तन कर हाइड्रोजन बम तथा अणुबम का आविष्कार किया गया । 25
पुद्गल के दोनों रूप - पदार्थ और ऊर्जा अपने आप में पुद्गल है, इसलिए निर्जीव ही है। इनका परस्पर रूपान्तरण भी पौद्गलिक ही है, निर्जीव परिणमन ही है। पौद्गलिक परिणमन के पश्चात् जीवोत्पत्ति के अनुकूल योनि - निर्माण होने पर ही सजीवता या सचित्त रूप में परिणमन कभी हो सकता है, कभी नहीं। अग्निकायिक जीवों की उत्पत्ति सामान्यतः (कुछ अपवाद को छोड़कर) ऑक्सीजन के बिना संभव नहीं है ।
विज्ञान द्वारा विभिन्न रूपों में ऊर्जा की पहचान की गई है, जैसे
1. इलेक्ट्रीक ऊर्जा (Electric Energy)
2. प्रकाश ऊर्जा (Light Energy)
3. उष्मा ऊर्जा (Heat Energy )
तुलसी प्रज्ञा अप्रेल - सितम्बर, 2003
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