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परिवार में दुर्व्यवहार एवं शारीरिक मार-पीट सामान्य जीवन का अंग है। सांस्कृतिक मानकों का समाज ही हनन करता है। इन मानकों में उतार-चढ़ाव समाज के स्वरूप के कारण ही है। वस्तुतः पारिवारिक अशांति के कारण हमें सामाजिक संरचना में ही खोजने चाहिए।
पारिवारिक अशांति के मनोवैज्ञानिक संदर्भ के अन्तर्गत पारिवारिक संबंधों में मनोवैज्ञानिक आक्रामकता तथा इससे शारीरिक दण्ड का साहचर्य प्रमुख है। पारिवारिक संबंधों में मनोवैज्ञानिक आक्रामकता के मापन में कई कठिनाइयां हैं। उदाहरणतः एक ही व्यवहार अलग-अलग संदर्भो में तथा ध्वनि, मुद्रा एवं भाव के अत्यल्प परिवर्तन से प्रसन्नता तथा आक्रामकता की अभिव्यक्ति कर सकता है। समान तथा संतुलित संबंधों में आक्रामकता दुर्व्यवहार नहीं समझी जाती है, जबकि असमान संबंधों उदाहरणतः बच्चों और अभिभावक के बीच आक्रामकता दुर्व्यवहार समझी जाती है। अकेलेपन, अपमान, धमकी आदि के द्वारा एक व्यक्ति के मन में भय की भावना पैदा कर उसके आत्म-सम्मान को चोट पहुंचाने की प्रवृत्ति मनोवैज्ञानिक आक्रामकता का सामान्य उदाहरण है।
मनोवैज्ञानिक आक्रामकता का कुछ सीमा तक शारीरिक दण्ड से भी संबंध है। सर्वेक्षण यह दर्शाता है कि मनोवैज्ञानिक आक्रामकता का वैवाहिक जीवन के संघर्ष, नशे की लत तथा घर के बाहर वाचिक आक्रामकता एवं शारीरिक आक्रामकता के प्रयोग की स्वीकृति के साथ घनिष्ट संबंध है। दुर्व्यवहार का अवलोकन एवं पारिवारिक अशांति
ऐसे बहुत से व्यक्ति जो अपनी पत्नी के साथ अथवा बच्चे के साथ दुर्व्यवहार करते हैं अथवा उन्हें शारीरिक प्रताड़ना देते हैं; उनके ऐसे व्यवहार का समाजीकरण बाल्यकाल में माता-पिता के बीच ऐसे व्यवहार के अवलोकन से होता है। अध्ययन का यह निष्कर्ष है कि पिता द्वारा माता के साथ दुर्व्यवहार और पति द्वारा पत्नी के साथ दुर्व्यवहार के बीच सीधा संबंध है। ऐसे व्यक्ति जिनका मद्यपान का पूर्व इतिहास है, वे उन लोगों की अपेक्षा पारिवारिक अशांति के अधिक जिम्मेदार होते हैं जिनका मद्यपान का पूर्व इतिहास नहीं है। मद्यसेवी व्यक्ति हिंसा का बार-बार सहारा लेते पाये गये है।
बच्चों एवं महिलाओं के समान ही वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार भी पारिवारिक अशांति का एक समकालीन घटक है। इस शताब्दी में औसत आयु में वृद्धि के कारण वृद्धों की संख्या एवं वृद्धों की आयु में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। वृद्ध सदस्य की अन्य सदस्यों पर निर्भरता, वृद्धों का पूर्व व्यवहार, परिवार की आर्थिक तंगी आदि कुछ ऐसे कारण हैं जो पारिवारिक अशांति पैदा कर देते हैं। पारिवारिक अशांति के परिणाम
पारिवारिक अशांति के परिणाम निषेधात्मक और व्यापक होते हैं। निषेधात्मक अभिवृत्तियों के निर्माण से मनोकायिक प्रतिक्रियायें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती हैं।
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- तुलसी प्रज्ञा अंक 113-114
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