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राष्ट्र के प्रति जैन समाज का योगदान
सौन्दर्य का आकर्षण ! हिंसा के बारूद पर पूरा देश खड़ा है। क्या जैन समाज दर्शक बना देखता रहेगा?
हमें नैतिक क्रांति में अगुआ बनना होगा। सबकुछ गलत होते देखकर यह सोचना कि 'हमें क्या? जो होता है सो होता है', यह सोच बदलनी होगी, क्योंकि हमारी एक छोटी सी भूल आने वाली पीढ़ियों को अभिशप्त कर सकती है। अतः पुनर्चिन्तन करें। हमें क्या?' इस सोच से मुक्त होकर संगठित चेतना जगाएं ताकि हमारे द्वारा जलाया गया एक दीया भी दीए से दीया जलाने की परम्परा निभाता रहे।
राष्ट्र ने बहुत विकास किया पर राम की मर्यादा, कृष्ण का कर्मयोग, बुद्ध की करूणा और महावीर का संयम भूलकर। इसीलिए आज विदेशी लोग जहां भौतिकवाद से तंग आकर ध्यान और योग की ओर खींचे चले आ रहे हैं, वहीं हम बीमारियों और विलासिताओं के घने कुहरे में फंसते चले जा रहे हैं। विदेशों में जहां भोगो और फेंको' की संस्कृति है वहीं हम पदार्थों की पकड़ में बन्धे खड़े हैं। जैनों के पास अध्यात्म साधना की ऐसी गूढ और मनोवैज्ञानिक पद्धतियां भरी हैं जो शरीर, मन और इन्द्रियों का परिष्कार ही नहीं करती, सम्पूर्ण भाव चेतना को भी रूपान्तरित कर देती है। जरूरत है उस सत्य की तलाश शुरू हो और तलाश ही नहीं, तैयारी भी करें ताकि न केवल जैन
समाज अपितु राष्ट्र का जन-जन इन उपलब्धियों से जुड़े। 0 गांधी के जीवन पर श्रीमद् रायचन्द्र का प्रभाव था। उस गांधी ने पूरे देश की नीतियां और निर्णय बदल डाले। क्या जैन समाज में ऐसे श्रीमद् रायचन्द्र फिर और नहीं पैदा हो सकते जिनके जीवन से प्रभावित होकर और कई गांधी इस देश में जन्में? एक लम्बी श्रेष्ठताओं की विरासत है हमारे पास जरूरत है पर्दा उठाने की, चाबी खोजकर ताला खोलने की। चिन्तनीय बिन्दु है, आज पूरे समाज में प्रसिद्ध जैन विद्वानों की परम्परा ही नहीं, पंक्ति भी छोटी पड़ने लगी है। इसके समाधान में जैन समाज अपने व्यवसाय की व्याख्या बदले। अपनी सन्तान को केवल अर्थार्जन के लिए तैयार न करें, उन्हें ज्ञानार्जन की दिशा में भी समर्पित करे। समाज की उदीयमान प्रतिभाएं जैन-धर्म-दर्शन में पारंगत होकर आगमों की ज्ञानराशि को और शास्त्रीय परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने में यदि सामने आती है तो जैनों का यह योगदान राष्ट्र के लिए बुनियादी भूमिका बनेगा। उनकी
शिक्षा, दीक्षा युगीन सन्दर्भो में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। तुलसी प्रज्ञा जनवरी-मार्च, 2000 AMI TITIONuuuuuuN 9
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