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________________ व्यजन विद्या - जिस विद्या से व्यजन (पंखी) आदि को अभिमन्त्रित कर रोगी का अपमार्जन कर उसे स्वस्थ किया जाता है वह व्यजन विद्या है।" वस्त्र विद्या - जिस विद्या से वस्त्र को अभिमन्त्रित कर रोगी का अपमार्जन कर उसे स्वस्थ किया जाता है वह वस्त्र विद्या है विद्या सिद्ध करने के लिए समय का भी बड़ा महत्त्व है। समय का ध्यान नहीं रखने से अधिष्ठाता देव कुपित हो सकता है और साधक को नुकसान पहुंचा सकता है । ७ इसलिए इन विद्याओं की साधना एकाकी और बिना उपयुक्त मार्ग दर्शन के नहीं करनी चाहिए । सदर्भ १. आवश्यक निर्युक्ति गाथा - २. सूयगडो, वृत्ति पत्र ६० - मंत्र विशेषरूपा विद्याः । ३. आवश्यक निर्युक्ति-गाथा - ९२७ विज्जाण चक्कवट्टी विज्जासिद्धो स जस्स वेगा वि । सिज्झिज्ज महाविज्जा, महाविज्जोऽज्ज खउडव्व ॥ ४. सूयगडो, वृत्ति पत्र ६० दुभंगमपि सुभगमाकरोति सुभगाकरम् । ५. ६. ७. ८. 77 १०. "" "1 "" 37 - मोहो-व्यामहो वेदोदयो वा तत्करणशीलाम् । -आथर्वणी माथवंणाभिधानां सद्योऽनर्थकरणीं विद्यामभिधीयते । - पाकशा सनीम् - इन्द्रजालसंज्ञिकाम् । - नानाविधैर्द्रव्यैः - कणवीर पुष्पादिभिर्मधुघृतादिभिर्वोच्चाटनादिकैः कार्ये होमो हवनं यस्य सा द्रव्यहवना । ११. (क) सूयगडो, वृत्ति पत्र ६०- वंताली नाम विद्या नियताक्षर प्रतिबद्धा, सा च किल कतिभि पैर्दण्डमुत्थापयति । "1 पावयणी धम्मकही, वादी नेमित्तिओ तवस्सी य 1 विज्जा सिद्धा कवी, अट्ठेव पभावगा भणिया ॥ 11 "" "" "? "" 13 "1 11 "" "" (ख) सूयगडो चूर्णि, पृ० ३५५ - पुण्यो विज्जाओ वेताली दंडो उट्ठेति दिसाकालादिसिट्ठी । "" Jain Education International "1 १२. (क) सूयगडो, वृत्ति पत्र ६० - तथार्धवैताली तमेवोपशमयति । (ख) 17 11 "" 11 "" 17 १३. सूयगडो चूर्णि, पृ० ५३५ १४. १५. १६. १६० " - सुभगमपि दुर्भगमाकरोति दुर्भगाकराम् । - गर्भ करां- गर्भाधानविधायिनीम् । चूर्णि, पृ० ३५५ - अद्भवेताली य वेड्ठतो जाति, पच्छा पुच्छिज्जति, सुभासुभं तोलेति । -कवाडं मंतेण विहाडेति जहा पभवो । -सोवाई मायंगी विज्जा । - सवेरिसवराणं सबरमासाए वा । - दामिली दामिलभासाए । 17 "" "2 For Private & Personal Use Only तुलसी प्रशा www.jainelibrary.org
SR No.524591
Book TitleTulsi Prajna 1997 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size9 MB
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