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कर १०५, १०१, १०१७, १० * महोध जैसी विशाल दूरियां लिखी हैं । इस प्रकार भारतीय संस्कृति में अणो अणीयान से महतो महीयान (Micro, macro) संख्याओं के नाम व माप मिलते हैं । विज्ञान, ज्योतिष आदि कहते हैं कि सितारों से आगे जहां और भी है, वेद नेति नेति कहता है ।
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- प्रोफेसर प्रताप सिंह १३६ सहेली नगर, उदयपुर (राज०) ३१३००१
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तुलसी प्रशा
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