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३. पटवा शुभू-पर्यावरण की संस्कृति, वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर, १९९०,
पृष्ठ २१ । ४. व्यास हरिश्चन्द्र तथा व्यास कैलाश चन्द्र-मानव और पर्यावरण, विद्या
विहार, नयी दिल्ली, १९९३, पृष्ट २९ । ५. पटवा शुभू पर्यावरण की संस्कृति, वाग्देवी प्रकाशन, बीकानेर, १९९०,
पृष्ठ २० । ६. व्यास हरिश्चन्द्र तथा व्यास कैलाश चन्द्र --मानव और पर्यावरण, विद्या
विहार, नयी दिल्ली, पृष्ठ २९ । ७. वही--पृष्ठ ३० । ८. जनसत्ता---- दिनांक १०-२-९७ । ९. बक एम. एन.-विकास और पर्यावरण, टाइम्स ऑफ इण्डियाः दिनांक
९-१२-८८ । १०. चन्दोला प्रेमचन्द-प्रदूषण-पृथ्वी का ग्रहण, हिमाचल पुस्तक भण्डार, दिल्ली,
१९९१ । ११. बनवारी--पंचवटी, भारतीय पर्यावरण परम्परा, श्रीविनायक प्रकाशन,
दिल्ली, १९९४। १२. शुक्ल प्रयाग ---- इस बढ़ते धुएं से कोई सुरक्षित नहीं, नवभारत टाइम्स,
दिनांक १३-११-९६ । १३. राजकिशोर-मनुष्य की जगह पर्यावरण, जनसत्ता, दिनांक ७-१२-९६ ।। १४. पुरोहित सी. पी.-5वनि प्रदूषण का बढ़ता खतरा, जनसत्ता, दिनांक
१२-१२-९६ । १५. आनन्द श्याम-यं ही नहीं कटते पेड़, नवभारत टाइम्स, दिनांक
१३-१२-९६ । १६. डि मोटे डेरिल -उजड़ते हुए जंगलों के बीच, जनसत्ता, दिनांक १७-१२-९६ । १७. सिंह जगजीत-सुप्रीम कोर्ट और प्रदूषण का जिन्न, नवभारत टाइम्स,
दिनांक २७-१२-९६ । १८. कोठारी आशीष--पर्यावरण के नाम पर, जनसत्ता, दिनांक १-१-९७ । १९. शर्मा योगेश्वर -- धरती के पानी की धुंधली तस्वीर, नवभारत टाइम्स,
दिनांक १५-१-९७ । २०. पारीक अरविन्द- गाड़ियों के धुएं से निजात कहां ?, जनसत्ता, दिनांक
१-२-९७ । २१. मिश्र अवनीश कुमार-प्रदूषण की यातना झेलते गर्भस्थ शिशु, नवभारत
टाइम्स, दिनांक १२-२-९७ । २२. गुप्ता पवन कुमार-विकास का डरावना इकहरापन, जनसत्ता, दिनांक १४-२-९७ ।
-डॉ० श्रीमती इन्दु पाण्डेय
स० प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) शासकीय कन्या पीजी कॉलेज, सागर (म.प्र.)
तुलसी प्रज्ञा
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