________________
नाटककार स्वयं मोहन राकेश ? मूल में है तो संस्कृत-कालिदास ही; पर कालिदास के जीवन में मोहन राकेश ने खुद को तलाशने का जो प्रयत्न किया है, उसमें वह सफल ही हुए हैं । कालिदास के समग्र साहित्य-अध्ययन के आधार पर उसके जीवन की शोध शुरू करें तो वह " आषाढ़ का एक दिन" के कालिदास के रूप में ही प्राप्त होगी ।
संदर्भ
:
१. आधुनिक नाटक का मसीहा : मोहन राकेश, गोविन्द चातक , इन्द्रप्रस्थ प्रकाशन, दिल्ली, प्रथम संस्करण : १९७५, पृ० २६
२. आषाढ़ का एक दिन, मोहन राकेश; राजपाल एण्ड सन्स, कश्मीरी गेट, दिल्ली;
१९९२,०९४
३. वही, पृ० ७१ ४. वही, पृ० ९३ ५. वही, पृ० १०५
१५८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
-- (जयश्री रावल) D/o श्री किरीट कुमार भावसारवाड़, कठलाल जिला - खेड़ा (गुजरात) पिन कोड - ३८७६३०
तुलसी प्रज्ञा
www.jainelibrary.org