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________________ ४९१. बोडा घडा उघाडा पाणी नार सुलखणी कय्या जाणी दाणा चाब पीसती चाले पल्ला घिसती। ४९२. ब्यां बिगाडे दो जणा के मजी के मेह वो पीसो खर्चे नहीं वो दडादड देह । ४९३. व्याया नहीं तो जनेत तो गया हा। भ ४९४. भडार हाल कुत्ते कीसी हुई। ४९५. भगत जगत को ठगत । ४९६. भड भूजा की छोरी अर केसर का तिलक । ४९७. भांग मांगै भूगडा सुलफो मांगे घी दारु मांगै जूतियां खुशी हो तो पी। ४९८. भाई बडो न भय्यो सबसे बडो रुपयो। ४९९. भाख पाटी खोल टाटी राम देगो दाल बाटी। ५००. भागां का बलिया रांधी खीर होगा दलिया । ५०१. भाठ से भाठो भिड़ा बिजली उठ । ५०२. भाण के घर भाई गंडक, सासरै जंवाई गंडक । ५०३. भाण जाऊ-जाऊ कर ही बीरो लेण ने ही आयगो। ५०४. भूख न देखे जूठ्या भात। ५०५. भूखै के तो थाली में पड़ा ही ईमान आके । ५०६. भूख घर की छोरी अर फलके बिना दोरी । ५०७. भूखो ठाकर आक चाब। ५०८. भूखो धायां पतीजै। ५०९. भूखो पूछ ज्योतिषी ध्यायो पूछ बैद । ५१०. भूखो बामण सौवे अर भूखो जाट रोवे । ५११. भूखो बाणियो हंस र भूखो रांगड कमर कसै । ५१२. भूतां के लाडुआ में इलायची को के स्वाद । ५१३. भू परोसा खायगा बिन मारै मर जाएगा। ५१४. भूख बछेरा, डीकरा नीमडिया परमाण । ५१५. भूल्यो बामण भेड खाई आगे खाय तो राम दुहाई । ५१६. भेड पर ऊन कुण छोड़े। ५१७. भैंस आगे बांसरी तो गोबर कोई नाम । · ५१८. भैंस आपको रंग को देखना, छतंने देखकर बिदक। ५१९. भैंस को पोठो सूकतो सो सूकै। ५२०. भैस मिडों बाकरो चोथी विधवा नार ए च्या माड़ा भला मोटा कर बिगाड़। ५२१. भोले ढाल का राम रुखाला। ५२२. भोलो गजब को गोलो। ५२३. भोलो मित्र दुश्मन की गरज सारै। खण्ड २२ अंक २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524588
Book TitleTulsi Prajna 1996 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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