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तत्वष्टि षड्गुणा दिव्यं वर्षम् ।
–अर्थात् 'ब्राह्मम्' कल्प होता है, जो ब्रह्मा का दिन कहा जाता है। उसकी परमायु सौ वर्ष की है। दिव्यम् को अहः कहते हैं तो वह ३६० वर्ष तुल्य होता है।
___ अतः यह माना जा सकता है कि देव वर्ष और मानव वर्ष में १२९६०० गुणा कम अधिक का अंतर होता है। उसी अनुसार उसकी श्वासोच्छ्वास की प्रक्रिया भी घट बढ़ सकती है। अर्थात् श्वासोच्छ्वास के आधार पर मनुष्य के १०० वर्ष एक सागरोपम आयुष्य वाले देव के १५५५२०००००० वर्ष के बराबर होंगे। मनुष्य के कुल श्वास १०३६८००००० भी तेतीस सागरोपम आयुष्य वाले देवों के ५१३२१६००- , ०००० वर्ष के बराबर हो जाएंगे। जो छोटी और बड़ी इकाई में समान व्यवहार को बताते हैं । मनुष्य के श्वासोच्छ्वास और देवों के इन वर्षों में ५१२१७९२००००० वर्षों का अन्तर है।
तुलसी प्रज्ञा
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