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________________ सीवर सबसे बड़ा होता है, इस लीवर का वजन शरीर के पूरे वजन का लगभंग एक तिहाई होता है । जब शरीर ठंडा हो जाता है तो इस लीवर में पूर्व निहित ग्लाइकोजन ग्लिसरीन में परिवर्तित हो जाता है जो कि पूरे शरीर में फैल जाता है । ग्लिसरीन एक अच्छा एन्टीफीज ((anti-freege) होने से वह जानवरों की कोशिकाओं को क्रिस्टल होने से बचा लेता है। उस प्राणी के इतने समय तक जीवित रहे जाने का कारण कुछ भी हो, निष्कर्ष यह है कि जीवित प्राणियों की आयु सामान्य से दस गुने तक बढ़ सकती है। उपरोक्त प्राणी की सामान्य आयु तो मात्र दस वर्ष की ही होती है, लेकिन वह नब्बे वर्षों तक जीवित रह सका। जीवित प्राणियों के फ्रीज करने की प्रक्रिया को जीव-विज्ञान के विद्यार्थियों को प्रयोग करके भी दिखाया जाता है । प्रयोग में, द्रवित-नाइट्रोजन (जिसका तापमान शून्य से काफी कम होता है) में एक छोटी जीवित मछली को डाल दिया जाता है । अतिशीत होने से मछली फ्रीज होने लगती है और एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि वह पूर्ण रूप से फ्रीज होने से सुषुप्त अवस्था में आ जाती है । इस मछली को जब तक चाहें तब तक इस अवस्था में रखा जा सकता है । इस फ्रीज मछली को द्रवित-नाइट्रोजन से बाहर निकाल कर देखें तो यह एक सूखे कागज की तरह लगेगी। इसे छटकारने से भी कुछ फर्क नहीं पड़ेगा। यदि फिर से हम इसे पूर्वावस्था में लाना चाहें तो इसे कुछ गर्मी देनी होगी । सामान्य ताप पाते ही वह फिर से सामान्य अवस्था में आ जाती है और फड़फड़ाने लगती है। जैसा कि ऊपर हमने छिपकलीनुमा प्राणी के बारे में कहा, वैसे ही मछली को हम जब तक चाहें तब तक इस फ्रीज अवस्था में रख सकते हैं और इसे भी सामान्य आयु से अधिक समय तक जीवित रख सकते हैं। गाय व भंस जैसे उपयोगी जानवरों में कृत्रिम गर्भाधान कराना एक सामान्य-सी बात है । इसके लिए अच्छे किस्म के नर जानवरों के वीर्य को मादा के गर्भाशय में प्रविष्ट कराया जाता है । कई बार तो यह वीर्य विदेशों तक से भी मंगाया जाता है। वीर्य भी तीन इन्द्रिय जीव होता है। इसकी भी सामान्य आयु कुछ घंटों की ही होती है। लेकिन इसे भी फ्रीज करके कई महीनों तक जीवित रखा जाता है। आजकल विदेशों में तो मानव-वीर्य के भी बैंक खुल गए हैं। जिसमें उनके वीर्य को वर्षों तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था रहती है । इससे भी स्पष्ट है कि जीवित प्राणी (जैसे -- वीर्य) की भी आयु वर्षों तक बढ़ाई जा सकती है तथा उन्हें वर्षों तक जीवित रखा जा सकता है। ___जीवित प्राणियों के फ्रीज हो सकने के इन उदाहरणों से ही प्रेरित होकर अमेरिका के कुछ धनी लोगों ने एक संस्था बनाई, जिसका नाम रखा-'फ्रीज योरसैल्फ ।'(Freege yourself) इस संस्था का उद्देश्य मनुष्यों को वर्षों तक जीवित रखने का था। युवक जो ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं जिसका इलाज आज सम्भव नहीं है तथा उस बीमारी के रहते उनकी कुछ महिनों या वर्षों में मृत्यु निश्चित है; लेकिन वे और जीवित रहना चाहते हैं तथा आने वाले कल को देखना चाहते हैं, वे स्वयं को फ्रीज करा सकते हैं। कैन्सर खण्ड २०, अंक ३ २१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524581
Book TitleTulsi Prajna 1994 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size7 MB
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