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________________ वर्णनीय का सफल रूपायण करते हैं। वे रूप इतने स्पष्ट होते हैं कि मन और हृदय पर एक साथ अधिकार कर लेते हैं, आलोचना संसार में उन्हें ही रूप, बिम्ब या चित्र कहते हैं । चित्रात्मकता या बिम्बात्मकता काव्य का प्राण है। कविता की सफलता इसी पर निर्भर करती है कि काव्यगत शब्द श्रोता, रसिक एवं घइल्ल के मानस पटल पर वर्णनीय का कितना स्पष्ट अंकन करते हैं। __ प्रथमतः कवि अपनी अनुभूति में बाह्य-संसार को लाता है, संस्कारगत करता है तथा कल्पना एवं अभिव्यंजना का परिवेश पहनाकर पुनः बाहर कर देता है। प्रस्तुत सन्दर्भ में आचार्यश्री महाप्रज्ञ विरचित रत्नपालचरित्त में बिम्बात्मकता या चित्रात्मकता की विचारणा अवधेय है। रत्नपालचरित्त में शक्रपुर के राजा रत्नपाल की कथा पांच सर्गों में (२२४ श्लोक) विन्यस्त है। इसमें चरित्तकाव्यगत-गुणों का रम्य-उपस्थापन हुआ है । यह काव्य अप्रकाशित है, शीघ्र प्रकाशन का प्रयास चल रहा है । विवेच्य काव्य में प्राप्त बिम्बों का स्रोतों के आधार पर वर्गीकरण कर विवेचित करने का प्रयास किया गया है--.. ० मानवीय बिम्ब ० पशु जगत् के बिम्ब ० प्राकृतिक बिम्ब ० कलागत बिम्ब ० मानवीय बिम्ब-रत्नपालचरित में अनेक ऐसे सुन्दर बिम्बों का उपन्यास हुआ है, जिनका स्रोत मानव-समाज है। इस प्रसंग में राजा रत्नपाल, अनिन्द्य-सुन्दरी-कुमारी-रत्नवती, मंत्री एवं मुनि के बिम्बों का विवेचन किया जा रहा है १. राजा-रत्नपाल--यह विवेच्य-रत्नपालचरित्त काव्य का नायक है । इसके अनेक रूपों का बिम्बन हुआ है। रूपगुण सम्पन्न बालक, युवक, अहंकारी, जिज्ञासु, भ्रमणशील, आश्चर्यित, और अन्तिम में महाव्रतों के धारक मुनि के रूप में दृष्ट होता है । (क) बालक-~-अपूर्व लक्ष्मी-शोभा सम्पन्न, दक्षिण भारत के शक्रपुर नगर के नीतिज्ञ-नृपति चन्द्रकीर्ति के घर में ऐसे बालक का जन्म हुआ जो अद्भुत रूप सम्पन्न था। वह इतना प्रिय-दर्शन था कि स्त्रियां एक क्षण भी उसे अपने गोद से अलग नहीं करना चाहती थी-... खेलायितुं तं ललना सलील मन्योन्यमाद्याति प्रतिक्षणं तत् । २६४ तुलसी प्रज्ञा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524578
Book TitleTulsi Prajna 1994 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmeshwar Solanki
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1994
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size8 MB
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