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________________ समतितंत्र का शकराजा और उसका कालमान 0 डॉ० परमेश्वर सोलंकी* __ भारतीय ज्योतिष का एक ग्रन्थ नेपाल देश की स्टेट लाइब्रेरी में सुरक्षित है। उसकी एक प्रति बृटिश म्यूजियम, लंदन में (सैसिल बैण्डल सूचीपत्र सन् १६०२ का क्रमांक ३५६४) भी सुरक्षित है । नेपाल के राजगुरू के अनुसार वह ग्रन्थ संवत् ६३३ (सन् ५७६ ) में लिखा गया था किन्तु नेपाल में सुरक्षित प्रति उसकी गोमोलिपि के आधार पर १२ वीं सदी में लिखी मानी जाती है। स्वर्गीय काशी प्रसाद जायसवाल ने सुमतितंत्र के संबंधित पत्रक का फोटोग्राफ प्राप्त किया था जो भारती प्रकाशन, वाराणसी से सन् १९७६ में प्रकाशित "क्रोनोलोजी एण्ड हिस्ट्री ऑफ नेपाल" के पृष्ठ ३८ पर छपा है । ब्लॉक से पढ़ने पर पंक्ति २ से ५ तक का मूल पाठ निम्न प्रकार पढ़ा जाता है यातास्तथा युगानां वै कृतत्रेताथ द्वापरम् । भविष्यं संप्रविक्ष्यामि कालिकं वै यथाक्रमम् ॥ जातो दुर्योधनो राजा कलि (काल) प्रवर्तने । युधिष्ठिरो महाराजो दुर्योधनस्तथाऽपिवा ॥ उभौ राजा (नौ) सहस्रवर्द्धन्तु सम्प्रवर्त्तति । नन्द राज्यं शताष्टवींश्चन्द्र गुप्तस्ततः पर ॥ राज्यङ् करोति तेनापि द्वात्रिंशच्चाधिकं शत (म्) । राजा शूद्रकदेवश्च वर्ष सप्ताब्धिचाश्विनौ । शक राजा ततः पश्चाद्वसुरन्ध्र कृतन्तथा। इत्यध्याषित मही ज्ञेया राज्ञा क्रमेण तु ॥' अर्थात कृत, त्रेता और द्वापर युगों के बीतने पर यथाक्रम आगे का कालक्रम कहता हंकि कलियुग---प्रवर्तन पर राजा दुर्योधन हुवा और महाराजा युधिष्ठिर अथवा दर्योधन के पश्चात २५०० वर्ष बीत रहे होते समय अथवा नन्दराजा के १२८ वर्ष, चन्द्रगुप्त के १३२ वर्ष, राजा शूद्रकदेव के २४७ वर्ष और उसके बाद ४६८ वर्ष और बीतने पर शक राजा हुवा।। इस प्रकार विक्रमपूर्व कलियुग के ३०४३ वर्षों में २५०० वर्ष बीतने पर अर्थात ५४३ वर्ष विक्रम पूर्व अथवा कलियुग आरंभ से १५०० वर्ष बाद राजा बने नंद राजा से १००५ वर्ष बाद अर्थात् ५३८ वर्ष विक्रम पूर्व शक राजा हुवा । * अनेकान्त शोष पीठ, जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज०) खण्ड १६, अंक १ (जून, ६०) ५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524562
Book TitleTulsi Prajna 1990 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size4 MB
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