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________________ युवाचार्य महाप्रज्ञ से एक भेंट प्रस्तोता-मनि किशनलाल प्रश्न- युवाचार्य पद के निर्वाचन के लिये आपको शतशः बधाई । हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आप जैसे युवाचार्य हमें आचार्यश्री द्वारा उपलब्ध हुए हैं। मर्यादा महोत्सव के दिन प्रवचन पण्डाल में आचार्यश्री द्वारा प्रवचन में यह कहने पर कि "मैं अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करूंगा।" आपके मन में उस क्षण क्या प्रतिक्रिया हुई, घोषणा के पूर्व क्षण तक क्या आपको एहसास था कि मेरे नाम की घोषणा होगी? उत्तर-आचार्यश्री ने जब यह घोषणा की उस समय सब सुन रहे थे, मैं भी उनकी पंक्ति में शामिल था, मैं भी सुन रहा था और बड़े कुतूहल के साथ सुन रहा था। मुझे पता कैसे चले ? आचार्यश्री ने कभी मुझसे पूछा नहीं और न कभी मुझे बताया । कोई संकेत भी नहीं दिया, इगित भी नहीं किया। अगर मुझसे बात करते, कोई परामर्श करते, मुझे थोड़ा-सा संकेत देते, तो मैं भी मेरी समस्याएं सामने प्रस्तुत करता, किन्तु मेरे सामने कोई प्रश्न ही नहीं आया, तो जिस प्रकार आप सब लोग सुनने वाले थे उसी पंक्ति में मैं था, उससे अतिरिक्त कुछ नहीं। प्रश्न - आप जैसे चिन्तनशील व्यक्ति के मन में बहुत से प्रश्न हो सकते हैं। उस समय क्या प्रतिक्रिया हुई ? हम तो श्रोता हो सकते हैं, आप तो चिन्तक और दृष्टा हैं ? उत्तर--चिंतनशील होना और दृष्टा होना एक बात है और तात्कालिक बात पर एक प्रति क्रिया करना दूसरी बात है। आचार्यवर ने इतना अवसर ही नहीं दिया कि मैं लम्बे समय तक सोच सकूँ या प्रतिक्रिया कर सकू। घोषणा के कुछ क्षणों बाद मुझे उपस्थित ही कर दिया तो फिर सोचने का अवकाश ही कहाँ रहा ? यह मैं मानता हूं कि आचार्यवर का कोई निर्णय होगा, वह सब दृष्टियों से संतुलित, उचित होगा। इसमें मुझे कभी संदेह नहीं था, किंतु मैं अपने लिये सोचूं, इसके लिये मुझे कोई जरूरत भी नहीं थी। उस क्षण इतना भावनापूर्ण वातावरण था कि चिंतन, भावना से दब गया। कोई भी व्यक्ति चिंतन की स्थिति में नहीं था। आचार्यवर ने इस प्रकार एक भावनात्मक ढंग से सारे वातावरण को भावना से प्रभावित कर दिया कि सब लोग भावित हो गए थे। जब भावित हो जाते हैं, तब वहाँ तुलसी प्रज्ञा
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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