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दमोह में वर्शन, ज्ञान एवं आचरण की त्रिवेणी
___जैन प्रगतिशील परिषद् तथा श्री भागचन्द्र इटोरया सार्वजनिक न्यास द्वारा आयोजित "डा० शीतलप्रस द जी जन्म शताब्दी तथा पं० परमेठीवास न्यायतीर्थ एवं श्री भागचन्द्र इटोरया स्मृति दिवस" समारोह में भाषण करते हुए इन्दौर विश्वविद्यालय के डा० नेमीचन्द्र जैन ने कहा कि उक्त तीनों महानुभाव श्रेष्ठ संगीतज्ञ थे। वे जानते थे कि जीवन के तार कहाँ शिथिल हो रहे हैं । वे स्वस्थ समाज रचना में क्रमशः हृदय, शिर और हाथ थे अर्थात् दर्शन, ज्ञान एवं आचरण की त्रिवेणी थे। उन्होंने प्रेरणा दी कि दीपक की लौ पर आने वाली कालिमा को दूर करें।
___ सहकारी बैंक के प्रबन्धक संचालक एवं जैन पंचायत, अध्यक्ष श्री ताराचन्द्र सिंधवी की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में पं० सुभाषचन्द्र पंकज (मथुरा), डॉ० कस्तूरचंद्र सुमन (बांसा), पं० मोतीलाल विजय (कटनी), पं० फूलचन्द्र पुष्पेन्दु (खुरई), सेठ सुमेरचंद्र जी (जबलपुर) और डॉ० भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' ने प्रेरक उद्गार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि द्वारा "श्री भागचन्द्र इटोरिया : एक प्रेरक व्यक्तित्व" नामक एक पुस्तक का विमोचन किया गया। रात्रि में संगीताचार्य पं० सुभाषचन्द्र पंकज तथा आकाशवाणी कलाकार पं० श्यामसुन्दर शुक्ल द्वारा साधनामयी स्वर सरिता प्रवाहित की गई।
–लक्ष्मीचन्द सेठ, मन्त्री
प्रगतिशील परिषद्, दमोह बम्बई में आचार्यश्री कालूगणी का चरमतिथि समारोह
दि० ४-१-७६ को साध्वी श्री सरोजकुमारी जी (ठाणा ५) त्रिमूर्ति (बोरीवली) पधारी। उनके सान्निध्य में बम्बई महानगर तेरापंथ युवक परिषद का अधिवेशन श्री निराला जी की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें विषय रखा गया-"आचार्यश्री का संकेत और हमारी परिषद् ।” साध्वी श्री सोमप्रभा जी, साध्वी श्री संयम श्री जी आदि चारित्रात्माओं ने बिषय पर सांगोपांग प्रकाश डाला। श्री मानसिक जी वैद्य, श्री चांदमल जी बोहरा, श्री गौटुलाल जी, श्री राजमल जी जैन आदि वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। रात्रि में “आचार्यश्री तुलसी की दैनिकचर्या" नामक फिल्म प्रदर्शन का कार्यक्रम श्री अर्जुनलाल जी बाफना के संयोजकत्व में रक्खा गया। थाना में प्रेक्षा ध्यान शिविर
__ दि० १०-१-७६ को साध्वी श्री सरोनकमारी के सान्निध्य में स्थानीय परिषद् के मन्त्री श्री कपूर जी आदि उत्साही कार्यकर्ताओं के प्रयास से एकदिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर लगाया गया। श्री अरुणभाई जवेरी ने श्वासपद्धति, ध्यान, चेतना केन्द्र आदि की जानकारी दी। रात्रि में स्वयं जेठाभाई जवेरी ने, जो इस विषय के विशेषज्ञ हैं, ध्यान की भूमिका, प्रेक्षाध्यान पद्धति की वैज्ञानिकता व जीवनोपयोगी पक्ष को विस्तार से समझाया। महाप्रज्ञ जी के टेप-प्रवचनों से कार्यक्रम समाप्त हुआ ।
-लक्ष्मीलाल कोठारी
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तुलसी प्रज्ञा