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________________ इस महान् पद के लिए मुनि नथमल जी ही हर दृष्टि से उपयुक्त और सक्षम व्यक्ति हैं। इनके निर्मल व्यक्तित्व के कारण संघ का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल है। मांगीलाल वैद, सुजानगढ़ आचार्य प्रवर के इस महत्त्वपूर्ण निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी थोड़ी है। -पश्चिम बंग प्रादेशिक अणुव्रत समिति कलकत्ता मुनि नथमल को आचार्य तुलसी ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है । धर्मय ग परिवार की ओर से हार्दिक बधाई । -राममूर्ति उपसम्पादक, धर्मयुग मुनि नथमल जी को युवाचार्य बनाने पर मुझे इतनी प्रसन्नता हुई कि मैं उसे अभिव्यक्त करने में असमर्थ हूँ। तेरापंथ समाज ही नहीं, समुचा जैन समाज आचार्यश्री की दूरदृष्टि की भूरि-भूरि प्रशंसा करता है । मैं अनेक व्यक्तियों से मिलता रहा हूं। सबने इस चुनाव की बहुत प्रशंसा की है। मेरी हार्दिक बधाइयाँ । -एन० एम० दुगड़ जनरल मैनेजर, इण्डियन एक्सप्रेस, बम्बई एक आत्म-साधक व साहित्य-सर्जक के रूप में श्रमण धर्म की जो साधना व सिद्धि आपने कर दिखाई है, वह जैन धर्म व संघ को गौरवान्वित करने वाली है। आपके व्यक्तित्व के बहुमुखी विकास को देखते हुए, इस सम्मान निमित्त आपको बधाई, धन्यवाद । रतिलाल दीपचन्द देसाई मुनिवर एक गहन चिंतक तथा विद्वान संत है और आचार्यवर द्वारा घोषित इस निर्णय से उनकी विद्वता व श्रेष्ठता का सम्मान हुआ है । हार्दिक अभिनन्दन । -राजेन्द्र नगावत, रतलाम युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ शासन के एक स्तम्भ के रूप में रहे हैं। इन्होंने अपनी दार्शनिक एवं साहित्यिक प्रतिभा से धर्मसंघ की श्रीवृद्धि की है। उन्हीं पर धर्मसंघ का यह महत्वपूर्ण दायित्व आ जाना एक महत्त्वपूर्ण प्रसंग है। समस्त धर्मसंघ के लिए यह एक उपलब्धि है। -देवेन्द्र कुमार हिरण खण्ड ४, अंक ७-८ ४१६
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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