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________________ मुनिश्री की सुदीर्घ सयम एव श्रुत साधना, प्रकृति - शालीनता, बड़ों के प्रति विनम्रता का भाव, छोटों के प्रति वात्सल्य, उत्कृष्ट कोटि के तत्त्ववेत्ता एवं मर्मज्ञ विद्वान् के रूप में अनेकानेक विशेषताओं के धनी, जो कि अब तक हमें केवल एक मुनि के रूप में ही प्राप्त थे, अब हमें सम्मान्य युवाचार्य के रूप में प्राप्त हैं । पदाभिषेक के इस पुनीत क्षण में, उनका अत्यन्त समर्पित एवं विनम्र भाव से वन्दन करता हूँ । - मोतीलाल रांका, सुधरी, मारवाड़ उपाध्यक्ष, अ० भा० अणुव्रत समिति तेरापंथ की प्रगतिशील ऐतिहासिक घड़ियों में इतिहास पुरुष आचार्यश्री तुलसी ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में महाप्रज्ञ मुनिश्री नथमल जी का चयन कर इतिहास को और afar गौरवान्वित किया है । हमारा अपना सौभाग्य है कि मुनिश्री नथमल जी के रूप में महाप्रज्ञ एवं युवाचार्य दोनों एक साथ प्राप्त हुए हैं । युग की परिवर्तनशील परिस्थितियों में युग पुरुष का यह ऐतिहासिक निर्णय युग-युग तक संस्मरणीय रहेगा । - श्री देवेन्द्रकुमार कर्णावट, भू० पू० महामंत्री अखिल भारतीय अणुव्रत समिति आचार्यश्री एवं युवाचार्य के चरणों में कोटि-कोटि अभिवन्दन । गुरुदेव ने अति अनुग्रह कर युवाचार्य की घोषणा कर संघ की आशा पूर्ण की, अतः अति आभारी हैं। आचार्यश्री के निर्देशानुसार संघ के सर्वाङ्गीण उत्कर्ष के गौरवमय कार्य में युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ पूर्ण सफल हों, यही हार्दिक कामना है । ४१६ -श्री नेमचन्द जो गधइया, सरदारशहर, भू० पू० अध्यक्ष -- जैन श्वे० ते ० महासभा आचार्यश्री के इस निर्णय का कलकत्ता में करके आचार्यप्रवर एवं युवाचार्यश्री तक मेरी शत-शत बधाई पहुंचाए । सर्वत्र स्वागत किया गया है । आप कृपा तिलोकचन्द डागा, कलकत्ता गण जी का यह चयन अत्यन्त सुन्दर है और जैन परम्परा के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण उपस्थित करता है । मुनि नथमल जी जैसा चिन्तक विचारक और लेखक शास्त्रज्ञ विद्वान् किसी संघ को बड़े सौभाग्य से मिलता है । गणिजी ने तेरापंथ के लिये जो कुछ किया है, वह मेरे सामने है । मुनि नथमल जी से उसमें और भी वृद्धि होने की पूर्ण आशा है । ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में त्यागमार्ग के पथिकों की यह परम्परा सदा समाहत होगी । पं० कैलाशचन्द्र शास्त्री सम्पादक जैन सन्देश, वाराणसी तुलसी- प्रज्ञा
SR No.524517
Book TitleTulsi Prajna 1979 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1979
Total Pages246
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tulsi Prajna, & India
File Size12 MB
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