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साहित्य समीक्षा
सात समंदर पार लेखक-श्री चन्दनमल 'चांद' प्रकाशक-चांद प्रकाशन, बम्बई पृष्ठ-127; प्रस्तुत अंक का मूल्य-10 रुपये
प्रस्तुत पुस्तक श्री चन्दनमल 'चाँद', जो विश्व धर्म सम्मेलन के शिष्ट मण्डल के साथ भारत जैन महामण्डल के सहयोग से विदेश गये थे, द्वारा लिखा गया यात्रा विवरण है। इस यात्रा वृत्तांत के अतिरिक्त अंतिम पृष्ठों में लेखक ने मॉरिशस में हुए विश्व हिन्दी सम्मेलन के संस्मरण भी लिखे हैं। इससे पूर्व भी विश्व भ्रमण के संस्मरण हिन्दी में कई लिखे गये हैं, जिनमें स्व० सेठ श्री गोविन्ददास की विश्व परिक्रमा' तथा स्व० श्री रामेश्वर टांटिया की विश्व भ्रमण' ये दो पुस्तकें अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं । समीक्ष्य पुस्तक की कई मौलिक विशेषताएं हैं। इसमें सात देशों, थाइलैंड, हांगकांग, जापान, अमेरिका, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन तथा मॉरिशस का घर बैठे आंखों देखा हाल पढ़ा जा सकता है तथा संसार के अनेक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थानों एवं बैंकाक, हांगकांग, टोकियो, लॉसऐंजिल्स, वाशिंगटन, शिकागो, क्लीवलैंड, डिट्रायट, टोरंटो, ओटावा, मोन्ट्रीयल, न्यूयार्क जैसे संसार के बड़े-बड़े प्रसिद्ध नगरों की सैर भी की जा सकती है । लेखक की यात्रा का उद्देश्य धार्मिक तथा सांस्कृतिक मान था किन्त इस विवरण में इन देशों की सांस्कृतिक, धार्मिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक, व सामाजिक सामग्री भरपूर दी गई दी गई है । वर्णन शैली मौलिक, रोचक एवं भावपूर्ण है। विदेश जाने वाले लोगों के लिए तो यह गाइड का काम करेगी ही किन्तु जो कभी विदेश यात्रा का स्वप्न भी नहीं ले सकते, उन्हें पूर्ण जानकारी व मनोरंजन देने में समर्थ होगी । लेखक यदि प्रत्येक दिन की दिनचर्या का सिलसिलेवार विस्तृत वर्णन करने के स्थान पर पाठकों को विदेशों के प्रमुख नगरों, वहां के नागरिकों, उनके रहन-सहन, रीति-रिवाजों आदि पर और अधिक विस्तार से प्रकाश डालते तो पुस्तक अधिक रोचक, महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी होती। तथापि वर्णन शैली, सांस्कृतिक सामग्री, रोमांचक घटनाओं को दृष्टि से पुस्तक प्रशंसनीय बन पड़ी है तथा लेखक साधुवाद के पात्र हैं।
पुस्तक की छपाई आकर्षक तथा अशुद्धियां नगण्य है । 14 चित्रों द्वारा पुस्तक का कलेवर सजाया गया है।
- डॉ० श्रीमती पुष्पा गुप्ता
तुलसी प्रज्ञा
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