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(6) श्री अगरचंद नाहटा, सदस्य (7) डा० महावीरराज गेलड़ा, सदस्य ( 8 ) डा० दयानन्द भार्गव, सदस्य (9)
श्री गोपीचन्द चोपड़ा, कुलसचिव- सदस्य
( 10 ) डा० नथमल टाटिया, सदस्य एवं संयोजक
विशेष आमंत्रित -
(1) श्री खेमचंद सेठिया, भू० प्र० सभापति - जैन विश्व भारती
( 2 ) श्री धर्मचन्द चोपड़ा, स्वागताध्यक्ष, आचार्य श्री तुलसी स्वा० समिति, गंगाशहर
(3) प्रो० सुमेरचन्द ( बरड़िया) जैन, जैन कॉलेज, बीकानेर
(4) प्रो० विजयराज भंडारी, डूंगर कॉलेज, बीकानेर
उपर्युक्त बैठक में सम्पूर्ण जैन विश्वकोश को निम्न आठ खण्डों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया
खंड-1 साहित्य सूची -
कालानुक्रम से विषयवार प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, मराठी, गुजराती, राजस्थानी, तामिल, तेलगु, कन्नड़ साहित्य की तथा आधुनिक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में किये गये अनुसंधान साहित्य की संक्षिप्त विवरण सहित सूची ।
खंड-2 योग, मंत्र, तंत्र, मनोविज्ञान |
खंड- 3 धर्म एवं आचार
पुराण, चारित्र शास्त्र, साधु आचार, गृहस्थ आचार, क्रियाकाण्ड, तीर्थक्षेत्र आदि ।
खंड- 4 दर्शन एवं न्याय -
भौतिक एवं आध्यात्मिक जगत्, ज्ञान-मीमांसा, न्याय, रस-शास्त्र |
खंड-5 कला एवं स्थापत्य ।
खंड-6 साहित्य ।
खंड-7 इतिहास एवं संस्कृति | खंड-8 विज्ञान |
विस्तृत चिन्तन के अनन्तर जैन विश्वकोश के उक्त आठ खंडों के संकलन का दायित्व विभिन्न उत्कृष्ट विद्वानों को सौंपा गया है ।
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(2) जैन आगम कोश - मुनि श्री नथमल जी के निदेशन में जैन आगम कोश का कार्य चल रहा है । अकारादि क्रम से बनाये गये कार्डों में आवश्यक पूर्तियां की जा रही हैं । (3) अनुवाद - जन दर्शन, धर्म व संस्कृति से संबंधित महत्त्वपूर्ण लेखों के अंग्रेजी व हिंदी दोनों भाषाओं में अनुवाद करने की योजना है। अब तक कुछ लेखों के अनुवाद हो चुके हैं तथा मुनि श्री नथमलजी द्वारा रचित " जैन न्याय का विकास" नामक ग्रंथ का अंग्रेजी अनुवाद चालू है
।
(4) सम्पादन - ' भ्रमविध्वंसनम् ' - श्रीमज्जयाचार्यं कृत 'भ्रमविध्वंसनम्' का सम्पादन श्री जयचन्दलाल जी कोठारी के निर्देशन में चल रहा है ।
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तुलसी प्रज्ञा
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