SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ में अपने समय के अत्यन्त बलशाली वैशाली प्रजातन्त्र | हमें मालूम हैं, क्योंकि बुद्ध इस शासनप्रणाली से इतने प्रभावित हुए थे, कि अपने संघ के नियमों के बनाने में उन्होंने वैशालीव्यवस्था का आश्रय लिया था । के ऐतिहासिक गौरव को फिर से सजीव रूप में हमारे सामने लाने के लिये वह प्रयत्न कर रहे हैं। पाँच वर्ष से वे महावीर जयन्ती का मेला मनाने लगे हैं, और चेत मास के शुक्लपक्षीय त्रयोदशी को हजारों नरनारी वहाँ इकट्ठा हो अपने पुण्य इतिहास के प्रति श्रद्धा प्रसून अर्पित करते हैं । भारतीय प्रजातन्त्रों में यही एक प्रजातन्त्र था, जिसकी शासनव्यवस्था और पार्लामेन्टरी कार्यवाही जिस तरह बुद्ध की जन्मभूमि लुम्बिनी को अशोक से लेकर आज तक के बौद्ध न भुला सके, उसी तरह जैन बन्धुओं को महावीर की जन्मभूमि वैशाली को भुलाना नहीं चाहिए । १. यह भविष्य बतायेगा । का०प्र० श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् (रजि.) के त्रैवार्षिक चुनाव सम्पन्न बुरहानुपुर (म.प्र.), दिगम्बर जैन विद्वानों की शीर्षस्थ संस्था - श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् (रजि.) के त्रैवार्षिक चुनाव दि. २८ सितम्बर, २००९ को श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चमत्कार जी, आलनपुर, सवाईमाधोपुर (राज.) में डॉ० शीतलचन्द्र जैन ( जयपुर ) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए, जिसमें सर्वसम्मति से जैन विद्या के मूर्धन्य मनीषी डॉ० जयकुमार जैन (मुजफ्फरनगर) को अध्यक्ष एवं पार्श्व ज्योति के प्रधान सम्पादक एवं प्रखर वक्ता डॉ० सुरेन्द्र कुमार जैन क्रमशः तीसरी बार महामंत्री पद पर चुने गये हैं । निर्वाचन की इस श्रृंखला में उपाध्यक्ष डॉ० नेमिचन्द्र जैन ( खुरई), कोषाध्यक्ष- पं० अमरचन्द्र जैन (कुण्डलपुर), डॉ० नरेन्द्रकुमार जैन (गाजियाबाद), उपमंत्री डॉ० ज्योति जैन ( खतौली ), प्रकाशन मंत्री डॉ० सनतकुमार जैन ( जयपुर ) एवं कार्यकारिणी समिति सदस्य के रूप में सर्वश्री डॉ० रमेशचन्द्र जैन (बिजनौर), डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी' (वाराणसी), डॉ० शीतलचन्द जैन (जयपुर), डॉ० लालचन्द जैन (आरा), डॉ० कमलेशकुमार जैन (वाराणसी), डॉ० वृषभप्रसाद जैन (लखनऊ), डॉ० विजय कुमार जैन (लखनऊ), डॉ० हरिशचन्द्र जैन (मोरेना), डॉ० ज्योतिबाबू जैन (उदयपुर), पं० महेश जैन (सांगानेर), शैलेष जैन शास्त्री (मदनगंज - किशनगढ़), सुनील जैन संचय (ललितपुर), पं० अशोक जैन शास्त्री (इन्दौर) एवं पं० पवन कुमार जैन शास्त्री ( सनावद ) को चुना गया। निर्वाचन के उपरान्त सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने तीर्थ क्षेत्र पर विराजमान प.पू. मुनिपुङ्गव श्री सुधासागर जी महाराज, पू. क्षुल्लक श्री गंभीरसागर जी महाराज एवं पू. क्षुल्लक श्री धैर्यसागर जी महाराज के दर्शन किए और शुभाशीर्वाद प्राप्त किया । शपथ ग्रहण एवं पूर्व अध्यक्ष डॉ० शीतलचन्द जैन द्वारा नवनिर्वाचित अध्यक्ष को अपना 'वैज' प्रदानकर कार्यभार सौंपा एवं शाल ओढ़ाकर सम्मान किया । नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ० जयकुमार जैन ने अपने पूर्व अध्यक्षों अनेकान्त मनीषी डॉ० रमेशचन्द्र जैन, डॉ० फूलचंद प्रेमी एवं डॉ० शीतलचन्द्र जैन का तिलक, पुष्पहार एवं शाल ओढ़ाकर सम्मान किया। अनन्तर जैन समाज की ओर से 'सर्वार्थसिद्धि अनुशीलन राष्ट्रीय विद्वत्संगोष्ठी' के पुण्यार्जक सर्वश्री सूरजमल, मोहनलाल, नेमीचन्द्र, रमेशचन्द्र, ओमप्रकाश, भागचन्द, राजेन्द्र कासलीवाल (भसावड़ी), सवाईमाधोपुर एवं संयोजक द्वय- डॉ० वृषभप्रसाद जैन (लखनऊ), प्रा. अरुण कुमार जैन, चातुर्मास समिति की ओर से श्री सोहन बज ने सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी समिति सदस्यों का सम्मान किया। समारोह का संचालन डॉ० सुरेन्द्र कुमार जैन ( महामंत्री) ने किया। इस अवसर पर अपना शुभाशीर्वाद देते हुए आध्यात्मिक संत मुनिपुङ्गव श्री सुधासागर जी महाराज ने कहा कि- बोधि दुर्लभ भावना को पाने के लिए ही हम सब प्रयासरत हैं। चाहे विद्वान् हों या सांधु अतः हमें ज्ञान प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्न करना चाहिए। विद्वत्परिषद् ने अच्छे कार्य किये हैं और आगे भी यह अच्छे कार्य करे, इसके लिए हमारा भरपूर आशीर्वाद है। 16 नवम्बर 2009 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524345
Book TitleJinabhashita 2009 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy