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हानि नहीं होती। आर्षग्रन्थों के ही प्रमाण जिनागम-सम्मत
जो जैन वास्तुशास्त्री और उनके समर्थक वास्तुशास्त्र और मनुष्य के सुख-दुःख में कारणकार्य-सम्बन्ध सिद्ध करना चाहते हैं. उन्हें षदखण्डागम आदि ग्रन्थों से (जिनके नाम इस टिप्पण के प्रारंभ में लिये गये हैं उनसे, भट्टारकीय ग्रन्थों से नहीं) वे सर्वज्ञवचन प्रस्तुत करना चाहिए, जिनमें यह कहा गया हो कि वास्तुशास्त्रप्रतिकूल गृह में रहने से रहनेवालों की अपमृत्यु, कुलक्षय, धनक्षय एवं अशान्ति, कलह आदि दुष्परिणाम होते हैं, तथा वास्तुशास्त्रानुकूल घर में निवास करने से उक्त दुष्परिणाम नहीं होते, अपितु धनवृद्धि, कार्यों में सफलता, पारिवारिक एवं सामाजिक शान्ति आदि सुपरिणाम होते हैं। सर्वज्ञवचन के प्रमाण के बिना वास्तुशास्त्र के पक्ष में कोई भी बात करना वैसा ही है, जैसे कोई बन्ध्यापुत्र, आकाशकुसुम और शशशृंग के पक्ष में बात करे।
रतनचन्द्र जैन (सम्पादक)
दयोदय पशु सेवा केन्द्र, सतना के अध्यक्ष । पूज्य मुनिश्री क्षमासागर जी का पावन डॉ० सरोजकुमार जैन का निधन |
वर्षायोग सतना, १३ जून की रात्रि ११.४५ बजे दयोदय हर्ष का विषय है कि संत शिरोमणि आचार्य पशु सेवा केन्द्र के अध्यक्ष डॉ० सरोज कुमार जैन | गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के शुभाशीष से (हड्डी रोग विशेषज्ञ) का ६७ वर्ष की आयु में निधन परमपूज्य मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज का पावन हो गया है। दानशील, विनम्र, धार्मिक विचारों के डॉ० | वर्षायोग श्री वर्णी दिगम्बर जैन गुरुकुल परिसर, जैन को नगर एवं समाज के सैकड़ों जनों ने अश्रुपूरित | पिसनहारी मढ़िया के सामने जबलपुर में हो रहा है। श्रद्धांजलि दी। आप पूज्य प्रमाणसागर जी के परम बाहर से पधारनेवाले समस्त धर्मानुरागी बन्धुओं के भक्त थे।
भोजन एवं आवास की व्यवस्था की गई है। म० प्र० एवं छ० ग० लोकसेवा आयोग
निवेदक की परीक्षा में सफलता
___ अधिष्ठातापरम पूज्य १०८ आचार्यश्री विद्यासागर जी
बाल ब्र० जिनेश जैन भैया जी मुनिमहाराज की आशीष व प्रेरणा से संचालित भारतवर्षीय __ श्री सकल दि० जैन समाज जबलपुर दिगम्बर जैन प्रशासकीय प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर के चम्पी बाई जैन का समाधिमरण ७७ प्रशिक्षार्थियों में से ३८ प्रशिक्षार्थी म.प्र. लोक सेवा सतना, नगर के प्रतिष्ठित जैन समाज के स्तंभ आयोग प्री एवं १२ छ.ग. लोक सेवा आयोग कुल | स्व. दादा हुकुमचंद जैन की धर्मपत्नी श्रीमती चम्पीबाई ५० प्रशिक्षार्थियों का उत्तीर्ण होना प्रशंसा एवं सराहना | जैन का २३ जुलाई २००९ को रात्रि १०.२५ बजे का विषय बना हुआ है।
समाधिपूर्वक मरण हो गया है। विदित हो कि राष्ट्रसंत पूज्य मुनि श्री सुख सागर जी का पावन आचार्य विद्यासागर जी की शिष्या आर्यिका अनंतमति चातुर्मास
माता जी ससंघ सतना में पावन वर्षायोग हेतु विराजमान ___ अमरपाटन। परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य | हैं। उनकी दिव्य प्रेरणा से विगत ३० जून ०९ को श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य पू० मुनि श्री | श्रीमती चम्पीबाई जैन गृहत्याग कर मंदिर जी में तप, सुखसागर जी एवं क्षुल्लक श्री संयम सागर जी महाराज त्याग और धर्म के अंतिम मर्म को स्वीकार कर पूरे का पावन चातुर्मास धर्म प्रभावना के साथ सानन्द सम्पन्न आर्यिकासंघ के चरणसान्निध्य में ८५ वर्ष की आयु हो रहा है।
में समाधिमरण को प्राप्त हुईं। आप श्री अभयकुमार सम्पर्क सूत्र- श्री चन्द्रप्रभु दि० जैन मंदिर गाँधी | पवनकुमार, सनतकुमार संदीपकुमार एवं अविनाश की चौक, अमरपाटन जिला-सतना (म०प्र०) मो०९८९३३५६४७३ | माताजी थीं।
25 अगस्त 2009 जिनभाषित
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