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________________ के लिए है, इससे ज्योतिष्क देवों की उत्कृष्ट स्थिति | १ पल्योपमप्रमाण है। इसका समुच्चय करने के लिए साधिक १ पाल्योपम होती है, यह जानना चाहिये। 'च' शब्द ग्रहण किया गया है। भावार्थ- ज्योतिषी देवों की उत्कृष्ट आयु साधिक | श्री दि० जैन संस्कृति संस्थान सांगानेर (जयपुर) राजस्थान प्रो० फूलचन्द्र जैन प्रेमी को अहिंसा अनेकान्त' का वर्ष २००० ई० से सफलतापूर्वक संपादन इण्टरनेशनल पुरस्कार कर रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों की अकादमिक समितियों सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के | के सदस्य के रूप में आपका महनीय योगदान रहा है। जैनदर्शन विभाग में प्रोफेसर डॉ० फूलचन्द्र जैन प्रेमी को उनके डॉ० प्रशान्त जैन समग्र साहित्यिक योगदान के लिए नई दिल्ली के श्रीराम प्रवक्ता, जैन इन्टर कॉलेज, खेकड़ा सेन्टर सभागार में दिनांक २६.०४.०९ को आयोजित भव्य श्रमण ज्ञान भारती मथुरा का वार्षिकोत्सव समारोह में अहिंसा इण्टरनेशनल डिप्टीमल आदीश्वर लाल सानंद सम्पन्न साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया। पूज्य उपाध्याय श्री प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रमण ज्ञान भारती गुप्तिसागर जी महाराज के सान्निध्य एवं भारी संख्या में उपस्थित छात्रावास का भव्य वार्षिकोत्सव ५ अप्रैल २००९ को जैन संस्कृति प्रेमियों की करतल ध्वनि के बीच यह पुरस्कार श्री चौरासी मथुरा में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली के छात्रावास के अधिष्ठाता श्री निरंजनलाल बैनाड़ा जी ने की। माननीय कुलपति प्रो. वाचस्पति उपाध्याय ने प्रो० जैन को मुख्य अतिथि के रूप में सारस्वत मनीषी श्री पं० रतनलाल प्रदान किया। श्री प्रताप जैन ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। जी बैनाड़ा, विशिष्ट अतिथि के रूप में मथुरा के उद्योगपति अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द्र जैन, महासचिव श्री ए०के० जैन एवं श्री श्री ऋषभकुमार जी पधारे। अनिल जैन ने इकतीस हजार रुपया की पुरस्कार राशि का सेठ विजय कुमार टोंग्या चेक, अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया। अहिंसात्मक चिकित्सा संबंधी नियमित सुरेन्द्र कुमार जैन श्री स्याद्वाद महाविद्यालय, भदैनी वाराणसी मार्गदर्शन अब इण्टरनेट पर अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ एवं श्री विद्वद्वर्य डॉ० जयकुमार जैन ऋषभदेव स्थानकवासी जैन स्वाध्याय संघ के संयोजक श्रीमान् चंचलमल पुरस्कार से सम्मानित जी चोरडिया अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार गाजियाबाद- दि. जैन तीर्थ श्री ऋषभांचल की | हेतु प्रयासरत हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तक आरोग्य आपका' स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर अपार जनसमूह के बीच | मानव शरीर के अधिकांश रोगों का इलाज करने में सहायक श्री मोतीलाल जी वोरा सांसद एवं कोषाध्यक्ष कांग्रेस (पूर्व | सिद्ध हई है। मुख्यमंत्री म०प्र० एवं पूर्व राज्यपाल उ० प्र०) ने माँ श्री | आज के इस बढ़ते आधुनिक युग में चोरडिया जी कौशल जी के सान्निध्य में सुप्रसिद्ध जैन विद्वान् डॉ० | ने इण्टरनेट के माध्यम से भी अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों - जयकुमार जैन, मुजफ्फरनगर को त्रयोदश ऋषभदेव पुरस्कार | की जानकारी एवं विभिन्न रोगों के उपचार की विधि को प्रदान कर सम्मानित किया। सभी तक पहुँचाने का लक्ष्य बनाया है। अतः जो भी डॉ. जैन विलक्षण व्यक्तित्व के धनी, सरल स्वभावी | स्वास्थ्यप्रेमी प्रभावशाली अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों के विद्वान् हैं। उन्होंने पूर्ण निष्ठा एवं लग्न से धर्म एवं समाज | बारे में नियमित जानकारी प्राप्त करना चाहें, वे चाहे तो इस की अनुकरणीय सेवा की है। काशीराज पुरस्कार, महावीर | सेवा का लाभ उठा सकते हैं। जिन महानुभावों के पास अपना पुरस्कार, फूलचन्द्र सेठी स्मृति पुरस्कार, विद्वद्रत्न पुरस्कार, ई-मेल पता हो, तो, वह अपना ई-मेल पता चोरडिया जी श्रुतसंवर्धन पुरस्कार, आचार्य ज्ञानसागर पुरस्कार आदि अनेक | के ई-मेल पर अवश्य मेल करें, ताकि उन्हें नियमित रूप पुरस्कारों से सम्मानित डॉ० जैन प्रारंभ से ही प्रतिभाशाली | से इन पद्धतियों की जानकारी प्राप्त हो सके। चोरडिया जी रहे हैं। उन्होने का० हि० वि० वि० वाराणसी से एम० ए० | का ई-मेल पता हैपरीक्षा में वि० वि० में प्रथम स्थान प्राप्त करके एक कीर्तिमान | cmchoradia.jodhpur@gmail.com; स्थापित किया तथा तीन गोल्ड मेडल एवं पुरस्कार से | swachikitsa@therapist.net; drchordia.jodhpur सम्मानित हुए। आपके ३० से अधिक ग्रन्थ, १०० से अधिक |@gmail.com. शोध आलेख प्रकाशित हैं, तथा आप शोध त्रैमासिक पत्रिका कमलेश मेहता, कार्यालय प्रभारी जून 2009 जिनभाषित 21 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524340
Book TitleJinabhashita 2009 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2009
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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