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रजि. नं. UPHIN/2006/16750
फरवरी 2009
वर्ष 8,
अङ्क 2
मासिक जिनभाषित
सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन
अन्तस्तत्त्व
कार्यालय ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल-462 039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666
सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़ पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर
शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी
(मे. आर.के.मार्बल)
किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर
. काव्य : कम बलवाले ही कम्बलवाले होते हैं
: आचार्य श्री विद्यासागर जी आ.प्र. 2 . बिहारी की गजल : ईंट-पत्थर से बने मस्जिदो-मन्दिर
: स्व. श्री बिहारीलाल जी जैन आ.प.3 • मुनिश्री क्षमासागर जी-संस्मरण प्रसंग
बिहार और बैण्ड-बाजे : प्रस्तुति- सरोज कुमार आ.पृ.4 | . सम्पादकीय : नवरात्रोत्सव जैनपरम्परा में मान्य नहीं 2
लेख • अविरत सम्यग्दृष्टि का स्वरूप
: मुनि श्री विनीतसागर जी • दिग्विजय : मूलचन्द लुहाड़िया आत्मा की आयतनिक मीमांसा
: डॉ० श्रेयांसकुमार जैन • जैन संगीतशास्त्र : डॉ० अभय दगड़े • तत्त्वार्थसूत्र में प्रयुक्त 'च' शब्द का विश्लेषणात्मक
विवेचन : पं० महेशकुमार जैन, व्याख्याता । • अमेरिका में पहला जैनमन्दिर : कैलाश मड़वैया
• हे माँ! तुम्हें प्रणाम : डॉ० सुरेन्द्रकुमार जैन 'भारती' 27 • जिज्ञासा-समाधान : पं० रतनलाल बैनाड़ा 29 ग्रन्थ समीक्षा : सबके रहस्य
: डॉ० अजितकुमार जैन |. समाचार
6, 11, 14, 28 . आपके पत्र
31,32
प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी,
आगरा-282 002 (उ.प्र.) फोन : 0562-2851428, 2852278
सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक
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लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा।
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