SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 31
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैनाचार्यश्री विद्यानन्द जी महाराज के साथ कक्षा 10 वीं के कोई 200 मेघावी विद्यार्थियों का सान्निध्य में आत्मीय सम्मान किया गया। कक्षा 12वीं विज्ञान में स्पर्श सिंघई कानपुर ने 90% अंकों के साथ आई.आई.टी. जे.इई, कु. प्रणीता जैन को ऋषभदेव संगीत रत्न अवार्ड ए.आई.ईईई में चयनित होकर देश की मेरिट (छात्रवर्ग) जिनेन्द्र कला केन्द्र भीलवाड़ा द्वारा प्रतिभाओं को में प्रथम एवं कु. नेन्सी जैन दमोह (94%) अंकों के राष्टीय स्तर पर प्रकाश में लाने एवं प्रोत्साहित करने | | साथ (छात्रावर्ग) प्रथम पुरस्कृत हुई। इनके साथ ही इस की योजनान्तर्गत प्रारम्भ किये गये भगवान् ऋषभदेव संगीत कक्षा के कोई 60 छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया रत्न अवार्ड का प्रथम पुष्प देहली में कु. प्रणीता जैन गया। कक्षा 12वीं कामर्स में राहुल जैन अम्बाला 95.20% को प्रदान किया गया जिसमें उसे सम्मान पट्ट व रुपया |. | एवं क नेन्सी नवलखा (90.22%) अंक एवं म.प्र. में 5100/- भेंट किया गया। पहली पोजीशन आल इण्डिया मेरिट में क्रमशः छात्र ऋषभ विहार देहली में आचार्यश्री विद्यानन्द जी एवं छात्रावर्ग में प्रथम स्थान पाकर सम्मानित हुए। इसके के सान्निध्य में दिनांक 8.10.08 को आयोजित इस विशिष्ट साथ ही कामर्स के कोई 90 मेधावी विद्यार्थियों का भी समारोह में राजस्थानी लोकचित्र शैली में प्रख्यात कलाकार सम्मान किया गया। उसी क्रम में 12वीं आर्ट्स के कोई पं० जोशी द्वारा श्री निहाल अजमेरा के मार्गदर्शन में चित्रित 20 विद्याथियों एवं विशिष्ट उपलब्धि-वाली प्रतिभाओं भगवान् ऋषभदेव की षट्कर्मों के उपदेश की फड़ पेन्टिंग को अतिथियों ने सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त जयपुर का लोकापार्ण भी सम्पन्न हुआ। कु. प्रणीता का 201 के मेघावी प्रतिभाओं को भी पृथक् से सम्मानित किया मंगल कलश का योग भवाई नृत्य बहुत प्रभावी रहा। गया। समारोह का संचालन कुन्दकुन्द भारती के ट्रस्टी | समाजसेवी एवं प्रमुख उद्योगपति श्री पी.एल. बैनाड़ा श्री सतीश जैन, आकाशवाणी ने किया एवं कला केन्द्र | ने मैत्री समूह एवं यंग जैन अवार्ड का परिचय दिया। - के सचिव श्री निहाल अजमेरा ने बताया कि अगले माह | मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र हेगड़े कनार्टक ने यंग जैन अवार्ड संस्था द्वारा घोषित कु० वीणा अजमेरा व डॉ० ज्योति | के अनुशासित व्यवस्थित एवं भव्य आयोजन की खुले जैन को ऋषभदेव संगीत पद्म अवार्ड, रूपये 11000/ मन से प्रशंसा कर अपने यहाँ प्रोफेशनल कॉलेजों में व सम्मान पट्ट एवं श्रीमती डॉ० कुसुम शाह,डॉ० सुमन | 2| ऐसे अवार्डियों के लिए सीटें आरक्षित करने एवं हर सोनी को संगीत रत्न अवार्ड नारेली तीर्थधाम में प्रदान संभव सहायता देने की बात कही। कार्यक्रम का सरस किये जायेगे। संचालन डॉ. सुमति प्रकाश जैन व श्री राजेश बड़कुल निहाल अजमेरा, सचिव छतरपुर एवं श्रीमती आभा जैन जबलपुर ने किया। 8 वाँ यंग जैन अवार्ड 2008, पदमपुरा जयपुर दूसरे दिन के आयोजन के पहले सत्र में यंगजैन मैत्री समूह के तत्त्वावधान में मुनिश्री क्षमासागर | अवार्ड से पूर्व में सम्मानित हो चुकी प्रतिभाओं को दीक्षांत जी की प्रेरणा से 11 एवं 12 अक्टूबर 08 को धर्मस्थल समारोह में उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस सत्र में डॉ० के सुरेन्द्र कुमार जी हेगड़े तथा डॉ० कुसुम पटोरिया | नलिन के. शास्त्री गया, ने 'मूल्य आधारित जीवन पद्धति' नागपुर के मुख्य आतिथ्य में उपाधि प्राप्त सीनियर | एवं डॉ. प्रतिभा जैन से.नि. विभागाध्यक्ष राजस्थान अवार्डियों का दीक्षांत समारोह हुआ एवं शिक्षा के क्षेत्र विश्वविद्यालय जयपुर ने 'जीवन में अहिंसा का महत्त्व' में सर्वोत्तम प्रदर्शन करनेवाली देशभर की कोई 500 | विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। मुनिश्री क्षमागार प्रतिभाओं का सम्मान भी। जी का संदेश श्री महावीर पाण्डया ने हिन्दी में एवं सर्वप्रथम कक्षा 10वीं एवं 12वीं की आल इण्डिया | श्री एस.एल.जैन ने अंग्रेजी में सुनाया, जिससे वातावरण मेरिट में रेंक पानेवाली तेजस्वी प्रतिभाओं को विशेष | भावुक हो उठा, क्योंकि यह पहला अवसर था जब इस रूप से ड्रेस कोड में सम्मानित किया गया। कक्षा 10वीं | समारोह के प्रणेता मुनि श्री क्षमासागर जी सशरीर इस में आल इण्डिया मेरिट में छात्रों में पहला स्थान पाने | भव्य कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे, तब भी पूरे समारोह वाले सुहास जैन बेंगलौर (97.90%) एवं छात्राओं में | में हर वक्त, हर पल, हर कहीं उनकी अमूर्त उपस्थिति अदिति एन. मुदहोल्कर नवी मुम्बई (95.60%) के साथ- | महसूस की जाती रही। मैत्री समूह का प्रत्येक सदस्य नवम्बर 2008 जिनभाषित 29 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524333
Book TitleJinabhashita 2008 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2008
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy