SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शाकाहारियों को परोसा जा रहा है मांसाहार, शाकाहारी पदार्थों में चरबी, अण्डे, मछली की मिलावट कैसी विडम्बना है यह....? बाजार में खाना और चटकारें उड़ाना आज फैशन हो गया है। लुभावनें विज्ञापन और चटपटे स्वाद के पीछे हमारी दीवानगी कहीं हमें शाकाहार से मांसाहार की, ले जार रही है। यह चिंतन-मनन आज सर्वाधिक जरूरी है, क्योंकि पैसों के लोभ और अधिक मुनाफा कमाने की होड़ में भक्ष-अभक्ष्य का बिना ध्यान रखे देश के कई रेस्टोरेंट और भोजनालय शाकाहारी भोज में मांसाहारी वस्तुओं का प्रयोग कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, मुम्बई, दिल्ली तथा अन्य स्थानों पर पड़े पुलिस के छापे तथा फूड एण्ड ड्रग विभाग द्वारा सील की गई फैक्ट्रियों से कई होश उड़ानेवाले तथ्य उजागर हुए हैं। किस तरह चल रही है भारतीय बाजार में यह घुसपैठ और धर्मभ्रष्ट करने की मुहिम आइए जैनसमाचार दर्शन, पुने में प्रकाशित दिनांक १०.१०.०७ के प्रेरक लेख- शाकाहारियों को परोसा जा रहा है मांसाहार के माध्यम से ध्यान में लेते हैं ओर जैन होने के नाते संकल्प करते हैं कि हम बाजारों में चटकारे उड़ाने से बचेंगे तथा प्रत्येक वस्तु के उपयोग से पहले उस संदर्भ से अच्छे से तहकीकात, जानकारी, गवेषणा करेंगे तथा अपने धर्म-संस्कारों को जीवित रखने का प्रयास करेंगे। वस्तुतः बदलते इस दौर में आज हमें अपने खान-पान पर ध्यान देना एवं विचार करना सर्वाधिक आवश्यक है, क्योंकि जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन। प्राणीमित्र नितेश नागौता, भवानीमण्डी नई दिल्ली। हाल ही में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, । अनेक फूड प्रॉडक्ट्स में विशेष कर बेकरी उत्पादन, मुंबई, दिल्ली तथा अन्य स्थानों पर पड़े पुलिस के | पेय पदार्थ आदि में इमल्सीफायर, स्टॅबिलायर्स कंडीशनर्स, छापे तथा फूड एण्ड ड्रग विभाग ने सील की गई अॅसिडीटी, रेग्युलेटर्स, प्रिझरवेटीव्हज, अँटीऑक्सहडंट, फैक्ट्रियों से कई होश उड़ानेवाले तथ्य उजागर किए | थिकनरर्स, जिलेटीन, स्विटनर्स, कलर्स, फ्लेवर्स आदि हैं। शादी में, होटलों में तथा कई सार्वजनिक उत्सवों | | शीर्षक मात्र दिएं जाते हैं। यूरोप में ई नंबर्स की सख्ती में हो रहे भोज में मांसाहार परोसा जा रहा है। शाकाहारी | के बाद भारत में भी इन उत्पादों पर नम्बर छापने लगे व्यक्ति अनजाने में खुले आम मांसाहार कर रहा है, | हैं, किन्तु वे पूरी तरह भ्रमित करनेवाले हैं। कंपनियाँ जिससे जैनसमाज में सनसनी फैल गई है। स्वाद के | इनमे मिश्रण के लिए आवश्यक पदार्थ यहाँ भारत से नाम पर धर्मभ्रष्टता के साथ कई बीमारियाँ घर कर | न खरीदकर विदेशों से सीधे आयात कर लेते हैं। तभी रही हैं। तो अनेक शाकाहारी, किन्तु प्रयुक्त लगभग सभी अंतर अहिंसाप्रेमी एवं शाकाहारियों की दशकों पुरानी | घटक मांसाहारी ही हैं। ऐसे में हरे निशान की आड़ माँग पर सकारात्मक निर्णय कर केन्द्र सरकार द्वारा | में केंद्र सरकार, अन्न-प्रक्रिया-मंत्रालय शाकाहारियों को पैकेज फूड प्रॉडक्ट पर शाकाहारी एवं मांसाहारी पदार्थ | मांसाहार सेवन कराने का घृणित एवं जघन्य कार्य करवा दर्शक हरा एवं लाल निशान लगाना कुछ वर्षों पूर्व | रहा हैं, यह पूरे देश के लिए लज्जा और शर्म का विषय अनिवार्य किया गया, किन्तु उसे सुकून अथवा | है। विश्व समुदाय के सन्मुख साख घटाने और प्रतिमा निश्चितता के बदले शाकाहारियों के लिए परेशानियाँ | मलीन करने जैसा मामला है। अधिक बढ़ गई। इस कानून का अमल कराने के फिटा ऑईल से विटामिन ए, मांस, अंडा, कोचेनिअल लिए जिम्मेदार अधिकारी-वर्ग रिश्वत खोरी की मोटी- | बीअल से प्राप्त रंग व्हेल के सिर से प्राप्त स्पर्म ऑईल, तगड़ी रकम के ऐवज में कानून की खामियों से रास्ता | सूअर, गाय, कुत्ता, बंदरों की हत्या से प्राप्त अॅनिमल निकालकर फूड कंपनियों को हरा निशान आवंटित | फैट इत्यादि पदार्थ खुले आम उक्त शीर्षकों के नाम कर राष्ट्र की आँखों में धूल झोंक रहे है। की आड़ में हरे निशानेवाले फूड प्रॉडक्ट्स में प्रयुक्त नवम्बर 2008 जिनभाषित 19 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524333
Book TitleJinabhashita 2008 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2008
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy