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________________ शंका-समाधान सूतक-पातक ___पं० जवाहरलाल जी भीण्डर (राज.) शंकाकार- श्रीयुत आदेश्वरलाल सिंघवी, प्राध्यापक । दूसरी ओर हेमराज के दूसरे पुत्र गोकुल थे। जिनके संस्कृत, भीण्डर। | पुत्र गणेशलाल। गणेशलाल के पुत्र आदेश्वरलाल। विस्तृत शंका- असीम कृपा करके आप निम्न | आदेश्वरलाल के पुत्र विकास तथा विकाश की पुत्री निधी शंका का समाधान करने की कृपा करें। शंका सूतक | है। स्मरणीय है कि आदेश्वरलाल, विकास तथा निधि पातक के विषय से सम्बद्ध है। तीनों जीवित है तथा एक ही परिवार में रहते हैं। पं० मेधावीकृत धर्मसंग्रह श्रावकाचार के छठे | १. ऐसी स्थिति में यह मार्गदर्शन करावें कि पीढ़ियों अधिकार में (श्लोक २५७-२६१) तथा उसके बाद | की गिनती कैसे की जाए? जीतमल की कौनसी पीढ़ि त्रिवर्णाचार, किशनसिंह क्रियाकोश में भी सूतकपातक | है? मिश्रीलाल की कौनसी पीढ़ी है? इस तरह चलतेका विधान है। व्रतविधानसंग्रह तथा प्रायश्चित्तसंग्रह में | चलते अंगुरवाला की कौन सी पीढ़ी होगी? भी विधान है। तदनुसार सूतक पातक का काल प्रमाण २. अंगुरवाला की उत्पत्ति (जन्म, प्रसूति) होने पीढ़ियों के अनुसार निम्न है | पर श्री आदेश्वरलाल का प्रश्न है कि आदेश्वरलाल को पीढ़ियाँ जन्म का सूतक मरण का सूतक | कितने दिनों का सूतक लगेगा? तीन पीढ़ी तक १० दिन १२ दिन ३. अंगुरवाला के जन्म पर, अंगुरवाला को आदेश्वरचौथी पीढी १० दिन १० दिन लाल पाँचवीं पीढ़ी माने या चौथी पीढ़ी या दूसरी पीढ़ी? पाँचवीं पीढ़ी ६ दिन । ६ दिन क्योंकि मिश्रीलाल से अंगुरवाला पर्यन्त की चार पीढ़िये छठी पीढ़ी ४ दिन ४ दिन जीवित हैं तथा एक ही संयुक्त परिवार में रहते हैं। सातवीं पीढ़ी ३ दिन ३ दिन ४. आदेश्वर, विकास तथा निधि ये तीनों पीढ़ियाँ आठवीं पीढ़ी १ दिन रात १ दिन रात । जीवित हैं तथा एक ही परिवार में संयुक्त रहते हैं अत: नौवीं पीढ़ी २ प्रहर (छः घंटा) २ प्रहर इन तीनों को तो एक ही प्रकार का सूतक-पातक लगेगा। दसवीं पीढ़ी स्नान मात्र स्नान मात्र यह बात तो तर्क से ठीक बैठती है क्योंकि एक ही मटकी का पानी पीनेवाली ये ३ पीढियाँ भिन्न-भिन्न ___ अब मुझे केवल प्रश्न यह करना है कि पीढ़ियाँ । (असमान) दिनों का सूतक पातक पाले, यह बात तो कैसे गिनी जाए तब तक नहीं बन सकती, जब तक तक ये अलगजैसे निम्न वंशावली एक गृहस्थ की है अलग नहीं रहने लगें। हेमराज सिंघवी इस प्रकार जिनके यहाँ प्रसूति नहीं है, (परन्तु जीतमल गोकुल | अन्य जनों-वंशजो-गोत्रियों के यहाँ प्रसूति हुई है) ऐसे मिश्रीलाल गणेशलाल एक संयुक्त परिवारी पिता, पुत्र, पौत्र को तो समान दिनों का सूतक तर्क बल से मानना न्याय संगत पडता है। भंवरलाल आदेश्वरलाल परन्तु जिनके यहां प्रसूति हुई है और उस प्रसूतिगृह में ऋषभकुमार विकास संयुक्त परिवार है तथा चार पीढ़ी तक का प्रौढ़तम व्यक्ति अंगुरवाला (नवजात शिशु) निधि जीवित है, वैसी स्थिति में समस्या यह आती है कि उक्त आलेख चित्र के अनुसार स्व० हेमराज के पीढ़ी की गिनती कैसे की जाए? जिसे गिनकर अन्य दो पुत्र हुए जीतमल तथा गोकुल फिर जीतमल के पुत्र सगोत्री सूतक पालें। मिश्रीलाल, मिश्रीलाल के पुत्र भंवरलाल तथा भंवरलाल मूल तथा मुख्य प्रश्न यह है कि आदेश्वरलालजी के पुत्र ऋषभकुमार हुए। अभी ऋषभकुमार के यहाँ पुत्री | का कितन | को कितने दिनों का सूतक मानना चाहिए, जबकि का जन्म (नाम अंगुरबाला) हुआ है। मिश्रीलाल जी. | अंगुरवाला नामक पुत्री की उत्पत्ति हुई है। यहाँ स्मरणीय १ भंवरलाल, २ ऋषभलाल ३ अंगुरवाला ४ ये चारों | में है कि मिश्रीलाल से अंगुरवाला तक की ४ पीढ़ियाँ जीवित जीवित हैं तथा एक ही परिवार में रहते है। । हैं तथा संयुक्त परिवार स्वरूप हैं? अक्टूबर 2008 जिनभाषित 25 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524332
Book TitleJinabhashita 2008 10
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2008
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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