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रजि. नं. UPHIN/2006/16750
जनवरी 2008
मासिक
वर्ष 7,
अङ्क 1
जिनभाषित
सम्पादक
अन्तस्तत्त्व प्रो. रतनचन्द्र जैन
पृष्ठ आचार्य श्री विद्यासागर जी के दोहे
आ.पृ. 2 कार्यालय कविता-बर्थ डे : मुनि श्री निर्णयसागर जी
आ.पृ. 3 ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा - मुनि श्री क्षमासागर जी की कविताएँ
आ.पृ. 4 भोपाल-462 039 (म.प्र.)
• सम्पादकीय : अव्रतपूर्वक तप से निर्जरा कम, फोन नं. 0755-2424666
आस्रव अधिक
. लेख सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़
• श्री बाई जी (धर्ममाता चिरौंजाबाई) की आत्मकथा पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा
क्षु. श्री गणेशप्रसाद जी वर्णी डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर
• जिनवाणी का उद्गम ओर उसका विकास डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत
पं० तेजपाल जी काला प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर
• विदेशी संग्रहालय में महत्त्वपूर्ण प्रतिमाएँ
: डॉ० ब्रजेन्द्रनाथ शर्मा शिरोमणि संरक्षक
• जिनदेव और मिथ्यादेव की सच्ची समझ ही दिग्विजय श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी
: डॉ० राजेन्द्र कुमार बंसल (मे. आर.के.मार्बल)
जैनधर्म : विश्व शान्ति में सहायक किशनगढ़ (राज.)
: डॉ० निजाम उद्दीन श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर
केवल शान-शौकत से नहीं बनता अच्छा व्यक्तित्व
डॉ० एस० बी० सिंह प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ
• माता बहिन सुता पहिचानो : डॉ० ज्योति जैन 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, • कालसिंह ने मृग चेतन को घेरा भववन में आगरा-282 002 (उ.प्र.)
डॉ० श्रीमती रमा जैन फोन : 0562-2851428, 2852278
• अभिशाप बना वरदान : एक लड़की की कहानी
: जिनेश कुमार जैन सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु.
|. कविताएँ परम संरक्षक 51,000 रु.
• दर्दो के हरकारे : मनोज जैन 'मधुर' संरक्षक
5,000 रु. • दहेज के विरोध में : विनोद कुमार 'नयन' आजीवन
1100 रु.
जिज्ञासा-समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा वार्षिक
150 रु.
ग्रन्थ-समीक्षा एक प्रति
: अभय कुमार जैन प्राचार्य 15 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें।
समाचार
31,32
लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा।
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