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________________ रजि नं. UP/HIN/34497/24/1/2005-TC जनवरी-फरवरी 2006 सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन कार्यालय ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल- 462039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666 सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, (मदनगंज किशनगढ़) पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कंवरलाल पाटनी (आर. के. मार्बल) किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, आगरा-282002 ( - उ. प्र. ) फोन : 0562-2851428,2852278 सदस्यता शुल्क 5,00,000रु. 51,000 रु. शिरोमणि संरक्षक परम संरक्षक संरक्षक आजीवन 100 रु. वार्षिक एक प्रति 10 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। Jain Education International 5,000रु. 500रु. मासिक जिनभाषित अन्तस्तत्त्व • सम्पादकीय : कुण्डलपुर के बड़े बाबा का अतिशय • प्रवचन • उच्चतम न्यायालय में दयोदय का उदय हुआ आचार्य श्री विद्यासागर जी • लेख : • कुण्डलपुर में बड़े बाबा पूर्णतः सुरक्षित : ब्र. अमरचंद जैन · वर्ष 5, अङ्क 12-13 संयुक्तांक • जिज्ञासा समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा • समाचार • गोम्मटेश्वर बाहुबली की मूर्ति का मौन सन्देश : डॉ. सुरेन्द्रकुमार जैन 'भारती' • गोम्मटेश्वर बाहुबली और गोमटेसथुदि : एक अनुशीलन : डॉ. भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु' ● शासनदेवपूजा-रहस्य : श्री रतनलाल जी कटारिया संस्कारोन्नयन में विद्वानों का योगदान : डॉ. श्रेयांसकुमार जैन भगवती आराधना में स्त्रियों के लिए भक्तप्रत्याख्यानकाल नान्यलिङ्ग का विधान नहीं : प्रो. (डॉ.) रतनचन्द्र जैन 21 जैन पाठशाला : आवश्यकता और शिक्षण पद्धति : डॉ. प्रेमचंद जैन श्रमण संस्कृति के उन्नायक पं. कैलाशचन्द्र जी शास्त्री एवं स्याद्वाद महाविद्यालय : डॉ. श्रीमती रमा जैन • जन्मशताब्दी वर्ष पर पावन स्मरण : पं. वंशीधर व्याकरणाचार्य : डॉ. ज्योति जैन साधुओं को अवश्य दें आहारदान, किन्तु रहें सावधान : पं. राजकुमार जैन शास्त्री दूध अमृत है या विष ? शाकाहार है या मांसाहार ? 1. संजय पाटनी दूध मांसाहार नहीं है : जयकुमार जैन 'जलज' अहिंसक चूल्हे : डॉ. जीवराज जैन अतिशय क्षेत्र नंदुरबार का परिचय : सरिता महेन्द्र झांझरी For Private & Personal Use Only पृष्ठ लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है । जनभाषित से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा । 3 आ. पृ. 2 5 7 10 13 18 26 30 31 36 37 38 40 43 46-48, आवरण पृ. 3 33 www.jainelibrary.org
SR No.524304
Book TitleJinabhashita 2006 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2006
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size6 MB
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