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रजि. नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC
डाक पंजीयन क्र.-म.प्र./भोपाल/588/2003-05
मासिक
जुलाई 2005
जिनभाषित
वर्ष 4, अङ्क
सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन
अन्तस्तत्त्व
पृष्ठ
प्रवचन : शरीर को गौण करना साधना का प्रथम चरण
आ.प्र.2
कार्यालय ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल-462 039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666
: आचार्य श्री विद्यासागर जी
2
. सम्पादकीय : वर्तमान में नित्य देवदर्शन, पूजा-प्रक्षाल
में उदासीनता एवं उसके निराकरण के उपाय
सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, (मदनगंज किशनगढ़) पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर
. लेख • मुनि, आर्यिका और श्रावक के आचार मार्ग
: सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द्र जी शास्त्री • श्रुतपंचमी पर्व : श्रुत देवी और हमारे कर्त्तव्य
: ब्र. संदीप 'सरल'
• यह मंत्र-तंत्र-विज्ञान हमें कहाँ ले जा रहा है?
शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कंवरलाल पाटनी
(आर.के. मार्बल)
किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर
: प्रा. सौ. लीलावती जैन • स्वयं को सँभाले रखना ही बुद्धिमानी है?
. : प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन
भक्तामर-अनुष्ठान : कितना सार्थक ?
: ब्र. जयकुमार निशान्त
प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी,
आगरा-282002 (उ.प्र.) फोन : 0562-2851428, 2852278|
•सज्जातित्व का वास्तविक विवेचन
: पं. सुनील कुमार शास्त्री
. जिज्ञासा-समाधान
: पं. रतनलाल बैनाड़ा
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कविताएँ
सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक
5,000 रु. आजीवन
500 रु. वार्षिक
100 रु. एक प्रति
10 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें।
• हे प्रभु कब मैं सो मुनि बन हूँ : मुनिश्री प्रणम्यसागर जी आ.पृ. 3 • बोध : धरमचन्द बाझल्य
समाचार
4, 8, 18, 22, 25-32
लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। जिनभाषित से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिए न्याय क्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा।
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