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माननीय सिद्दीकी जी द्वारा
| मिली। बुद्धि-कौशल और विशेष कर्त्तव्यपरायणता के कारण विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट का अवलोकन | 30 वर्ष की युवावस्था में आप इस गौरवपूर्ण पद (स्क्वेड्रन
माननीय न्यायमूर्ति श्री एम.एस.ए. सिद्दीकी, अध्यक्ष, | लीडर) पर पहुँच गये हैं। ऐसी होनहार युवा प्रतिभा पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान आयोग एवं श्री इब्राहिम | सम्पूर्ण देश और जैनसमाज को नाज़ है। कुरैशी, अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने अपनी व्युत्पन्नमति और ईमानदारी के कारण भारतीय १२ अप्रैल २००५ को विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट | वायसेना के कोर्टमार्शल में मजिस्टेट के पद पर भी आपने संस्थान के ज्ञानोदय भवन, शांति भवन और त्रिशला भवन | अतिरिक्त सेवाएँ दीं। ज्ञातव्य है कि आप जैनदर्शन के प्रसिद्ध का अवलोकन कर संस्थान की गतिविधियों की सराहना
| विद्वान एवं वैज्ञानिक आधार पर प्रवचन में दक्ष पं. निहालचंद की। माननीय सिद्दीकी जी पाँच वर्ष की छोटी-सी अवधि में |
जैन बीना (म.प्र.) के द्वितीय दामाद हैं। जिन्होंने स्वयं एवं संस्थान की विशाल प्रगति को देखकर अत्यधिक प्रसन्न आपके पितामह ने दहेज लेने से स्पष्ट मनाकर, आज से तीन हए। उन्होंने घोषणा की कि यह संस्थान शीघ्र ही राष्टीय स्तर
वर्ष पूर्व जयपुर से पण्डित जी की द्वितीय सुपुत्री नन्दिनी का उत्कृष्टतम शिक्षाकेन्द्र बन जावेगा।
जैन से परिणय-सम्बन्ध करके सामाजिक आदर्श को साकार
संगीता जैन, किया था। शाकाहार जीवनशैली और जैनधर्म के संस्कार डी-१९/१०२, माचना कॉलोनी, भेपाल, म.प्र. | आपको विरासत के रूप में अपने दादा और पिता (स्व.) श्री
सुनीलकुमार जैन से मिले, जो राजस्थान शिक्षाविभाग में सरोदा ( राजस्थान) में वेदीप्रतिष्ठा महोत्सव
प्राचार्य पद पर थे। राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित वागड़ प्रदेश के |
रेडॉर प्रक्षेपास्त्र आदि इलेक्ट्रानिक यंत्रों के विशेषज्ञ सरोदा नगर में सकल दिगम्बर जैनसमाज द्वारा श्री १००८ |
स्के.ली. निमिष जैन के भावी उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान आदिनाथ दिगम्बर जैनमंदिर का वेदीप्रतिष्ठा महोत्सव
हार्दिक शुभकामनाएँ। परमपूज्य धर्मालंकार आचार्य १०८ श्री रयणसागर जी महाराज
सिद्धार्थ जैन, युवा संगीतज्ञ, बीना (म.प्र.) ससंघ एवं परमपूज्य मुनि १०८ श्री आज्ञासागर जी महाराज ससंघ के पावन सान्निध्य में एवं प्रतिष्ठाचार्य, मन्दिर-शिल्प
आई.आई.टी. की परीक्षा में उत्तीर्ण वास्तु-शास्त्री पंडित श्रीमान् कान्तिलालजी पगारिया निवासी सागवाड़ा जिला डूंगरपुर (राज.) एवं सह प्रतिष्ठाचार्य श्री
एलोरा गुरुकुल के सदस्य श्री नेमीचंदजी.
अर्पण (जैन) के सुपूत्र चि. पराग विनोद पगारिया 'विरल' के नेतृत्व निर्देशन में रविवार दिनांक
आई.आई.टी. गेट 2005 परीक्षा में ऑल २९ मई से बुधवार दिनांक १ जून २००५ तक धर्मभावनात्मक विधिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जा
इंडिया रैंक 21 से उत्तीर्ण हुए हैं
गुलाबचंद बोरालकर रहा है।
श्रद्धांजलि महावीर जैन
स्व. श्री बाबूलाल जैन बज (इंजीनियर साहब) राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित :
को शत् शत् नमन जैनसमाज-गौरव : स्क्वे ड्रन लीडर निमिष जैन
| श्रद्धा-सुमन का हार बनाकर, देश के पश्चिमी सेक्टर कच्छ क्षेत्र भुज में, भारतीय | आपको है समर्पित। वायुसेना में, वैमानिक इन्जीनियरिंग (इलेक्ट्रॉनिक्स) में विगत | जिनके कारण हम सभी ने की है प्रगति, आठ वर्षों से अपनी विशिष्ट सेवाएँ देते हुए फ्लाइट ले. | प्रतिष्ठा अर्जित ॥ निमिष जैन अभी हाल में स्क्वेड्रन लीडर के पद पर पदोन्नत | | शशिकान्ता (धर्मपत्नी), श्रवणकुमार हुए हैं। लड़ाकू विमानों में मिसाइल-स्क्वेड्रन के विशेषज्ञ | (भ्राता), अरुणकुमार-सुनीता (पुत्र-पुत्रवधु), बालकृष्ण, निमिषि जैन ने एम.बी.एम. इन्जी. कॉलेज जोधपुर से | कैलाश, रमेश, शान्तिलाल, सुनील कुमार, कमलेश, शैलेन्द्र, इलेक्ट्रॉनिक्स इन्जी. में डिग्री प्राप्त की और प्रतिभा के धनी | दीपक, संजय, विपिन, अजय (भतीजे), अपूर्व, संभव होने से प्रथमबार में ही 24 नवम्बर 1997 में भारतीय वायुसेना | (पौत्र), अंकिता (पौत्री) एवं समस्त बज परिवार छावनी, .. में पायलेट ऑफीसर के रूप में कमीशन प्राप्त कर जोधपुर | कोटा। एवं पाकिस्तान सीमा जैसलमेर और पोरवरण में नियक्ति
जैन मंदिर, नगर परिषद कॉलोनी, छावनी, कोटा
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जून 2005 जिनभाषित -
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