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________________ प्राकृतिक चिकित्सा सैर/व्यायाम/टहलना डॉ. रेखा जैन निरोग काया ही दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। उसके उम्र बढ़ाता है पैदल चलना:-बोस्टन विश्वविद्यालय बगैर जीवन की हर सुख सुविधा बेमानी हो जाती है। कोई के डॉ.लेविन का मत है कि सप्ताह में मात्र तीन दिन 45 मिनट कितना ही धनवान् हो, शरीर रोगी हो मन दुखी रहे तो सारा | रोज का भ्रमण स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त है। भ्रमण पर स्टेन रुपया पैसा धरा रह जाता है। सच पूछे तो आदमी को जन्नत भी फोर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका में शोध अनुसंधान हुए 12 मिल जाए और काया का सुख न हो तो वह सुखी नहीं हो | किलोमीटर प्रति सप्ताह चलने से मृत्यु के खतरे 21 प्रतिशत सकता। पर निरोग काया और स्वस्थ सुखी मन के लिए जीवन | कम और 40-50 किलोमीटर प्रति सप्ताह पैदल चलने में लगभग में कुछ सरल नियमों को गूंथ लेना बेहद जरूरी है। हष्ट-पुष्ट बने | 10 प्रतिशत रह जाते है। इसलिए हमारे आचार्यगण, साधुजन रहने के लिए जिस प्रकार शुद्ध व सन्तुलित आहार जरूरी है,उसी स्वस्थ सुखी हम लोगों की अपेक्षाकृत अधिक रहते हैं। प्रकार नियमित व्यायाम संतुलित व्यवहार और मानसिक सुख ___ मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाता है टहलनाः- सैन फांसिस्को संतोष की भी जरूरत होती है, रोजाना व्यायाम करने से अनेक स्थित कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी की किस्टीन याफे के मतानुसार फायदे हैं। इससे मांस पेशियों की कसरत होती है। हड्डियों को जीवन के आठ दशक देख चुकी महिलाएं भी नियमित रूप से ताकत मिलती है,दिल और फेफड़े मजबूती पाते हैं। रक्त संचार पैदल चलकर व व्यायाम करके अपने मस्तिष्क को आयु के सुचारू होता है। रक्तचाप और ब्लडशुगर संयत रहते है। और प्रभाव से बचा सकती हैं। इसके विपरीत जो महिलाएं कम मन मस्तिष्क को ताजगी मिलती है। चलती हैं व कम व्यायाम करती हैं उनके मस्तिष्क की सक्रियता नियमित व्यायाम से दिल की कामकाजी ताकत बढ़ती है। पहले से कम हो जाती है। और वह थोड़ी सी आक्सीजन पाकर ही ज्यादा काम कर पाता टहलते/सैर/व्यायाम करते समय ध्यान रखने योग्य है। दिल की कोरोनरी धमनियों में खून का दौरा बढ़ जाता है। बातें:और खून की आक्सीजन संवहन क्षमता बढ़ जाती है । नतीजतन 1.आचार्य चरक ने व्यायाम के सम्बन्ध में चरक संहिता 7/ दिल को ज्यादा आक्सीजन पहुँचने लगती है। जिससे उसकी 31 में लिखा है कोई भी ऐसी शारीरिक क्रिया या चेष्टा जो उचित कार्यक्षमता बढ़ जाती है। व्यायाम करने से धमनियों में खून के हो, हितकारी हो और मन को अच्छी लगे,जो शरीर में सुडोलता थक्के बनने की प्रवृत्ति भी घटती है। प्लेटलेट रक्त कणों का लाए और बल बढ़ाए इस क्रिया का नाम व्यायाम है। चिपचिपाना और खून का गाढ़ापन घटता है। इससे दिल का ___2.टहलते समय बड़े डग भरना किसी भी मायने में फायदे दौरा पड़ने और लकवा होने की आशंका कम हो जाती है। मंद नहीं है। सैर करते वक्त कदम उतने ही बड़े लें जितने की व्यायाम मन के लिए भी टॉनिक है रोजाना व्यायाम करने से आदत हो। कदमों की लम्बाई आराम देह ही होनी चाहिए, शरीर में ऐसे जैव रसायन उत्पन्न होते हैं। जिनसे मन प्रफुल्लित तनाव पैदा करने वाली नहीं। महसूस करता है । नियमित व्यायाम से दिल को सुरक्षा देने वाले ____ 3.शरीर जिस रफ्तार को आसानी से सह सके वही गति कोलेस्ट्राल घटक (हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन )एच.डी.एल.की अपनाएं। हाँ अगर स्वास्थ्य ठीक ठाक हो तो धीरे-धीरे गति को मात्रा बढ़ती है। और नुकसान पहुँचाने वाले जोखिम भरे कोलेस्ट्राल बढ़ा लेना चाहिए। वैसे तेज रफ्तार से ही टहलना भरपूर व्यायाम (लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन) एल.डी.एल. की मात्रा कम हो जाती है। कुछ परीक्षणों में तो यहाँ तक देखा गया है कि कई 4.कम से कम 45 मिनट प्रातः एवं 30 मिनट शाम को लोगों के लिए व्यायाम करना एक समय के बाद व्यसन बन टहलना चाहिए। करीब 2 से 3 किलोमीटर प्रातः और 1 से 2 जाता है। इसका सम्बन्ध भी शरीर की जैव रासायनिकी से जोड़ा किलोमीटर शाम को चलना चाहिए। गया। व्यायाम से शरीर के कुछ ऐसे प्राकृतिक जैव रसायन पैदा 5.टहलते समय बांहों को कोहनियों पर 90 अंश के कोण होते है। जो हमारे दुख दर्द को मिटाते हैं। और उसकी रासायनिक पर मोड़ कर आगे पीछे कुदरती तौर पर स्विंग करें। इससे प्रायः संरचना मारफीन जैसी होती है। व्यायाम करने से इम्यून सिस्टम शरीर कर गति स्वतः बढ़ जाती है। इसका सम्बन्ध शरीर के (कुदरती बचाव प्रणाली) भी अधिक सशक्त बनती है। बायो मेकेनिक्स या जैव प्रक्रिया से है। बांहों और टांगों के बीच 26 जुलाई 2004 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524287
Book TitleJinabhashita 2004 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2004
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size5 MB
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