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सदा एक सन्तुलन रहता है। अगर हम बांहें सीधी करके चलें तो | 13.सैर पर बीड़ी,सिगरेट, तम्बाकू,पान, गुटखा नहीं खाना टांगों की गति धीमी हो जाती है। बांहें मोड़ कर चलें तो टांगों | चाहिए। की रप्तार कुछ तेज हो जाती है।
14. भरपेट भोजन करने पर सैर करना हानिकारक है। भोजन 6.चलते वक्त गति बढ़ाने के लिए कमर के ऊपर के भाग | के करीब तीन घंटे बाद ही सैर की जा सकती है। चहलकदमी को झुकने देना वाजिब नहीं है। इस झुकाव से कंधों, छाती और करना अलग बात है। रीढ़ में तनाव पैदा होता है। जबकि व्यायाम का एक मकसद ____ 15.आखिरी बात - अगर श्वाँस रोग (बहुत बड़ा हो) निःसन्देह ही शरीर को तनाव रहित करना है।
हृदय रोग,अत्यधिक उच्च रक्तचाप,जिनका हृदय जन्म से कमजोर 7.चलते समय किसी से बातचीत नहीं करें। एकाग्रचित्त | हो, हृदय के वाल्व त्रुटीपूर्ण या क्षतिग्रस्त हो, जिसे मिरगी का होकर संभव हो तो अपने इष्ट का चितंन करते हुए या फिर मैं | रोग हो, जो पैरों में सन्धिवात से पीड़ित हो, जिसके पैरों में चोट स्वस्थ हो रहा हैं या हँ ऐसी भावना को दोहराते हए चलें। यदि | या परेशानी हो, पथरी,पीलिया, मानसिक रोग से ग्रसित हो, आप बातचीत करते हैं तो मुँह के खुलने पर श्वाँस मुँह के | जिसे दिनभर अत्यधिक शारीरिक श्रम का कार्य करना हो, जो माध्यम से श्वांस नली में जायेगी जिससे गला सूखेगा और प्यास किसी लम्बी बीमारी से हाल ही में उठा हो ऐसे व्यक्तियों को लगेगी जो आपमें थकान पैदा करेगी और यदि आपने टहलने के | सैर,टहलना,व्यायाम नहीं करना चाहिए। बीच पानी पिया तो पेट में पानी जाने पर भारीपन लगेगा कभी- ____ 16.व्यायाम करके आकर तत्काल स्नान नहीं करना चाहिए। कभी नसों में सूजन भी आ जाती है। और पानी पीने से शरीर का कम से कम पसीने को सूखने तक रुकना चाहिए। हृदय की तापमान जो व्यायाम के कारण बड़ा था अचानक गिर सकता है धड़कन सामान्य हो जाने तक न तो खाना-पीना चाहिये न ही जिससे ब्लडप्रेशर जैसी समस्या से पीड़ित व्यक्ति में और समस्या | कोई कार्य करना चाहिए। बढ़ सकती है। पानी पीने से टहलने की एकाग्रता भंग हो जाती 17. यदि आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो सैर का कार्यक्रम है और व्यवधान जैसा आ जाता है।
अपनाने से पहले डाक्टर से सलाह अवश्य लेवें। 8.नाक से श्वाँस लें - टहलते वक्त सारी श्वाँस नाक से यह सोच सरासर गलत है कि दिल का दौरा पड़ चुकने लेवें। मुँह बिल्कुल न खुला छोड़े। श्वाँस नाक से लेने पर के बाद आदमी सैर करने लायक नहीं रहता। दरअसल बेहतर हमारा ब्रीथिंग पावर बढ़ता है। श्वसन सम्बन्धी विकार व रक्त तो इसी में है कि दौरे के कुछ हप्ते बाद ही अगर स्वास्थ्य विकार दूर होते हैं। अस्थमा और डायबिटीज जैसे रोगों में लाभ अनुमति दे तो डाक्टरी राय से सैर का पूरा एक क्रमबद्ध केलेण्डर मिलता है।
बनाकर उसे अमल में लाना चाहिए। इससे दिल की सेहत 9.अधिक व्यायाम हानिकारक - अति व्यायाम के कारण बढ़ती है। बंद रुकी हुई कोरोनरी धमनियों के हिस्सों में नई रक्त प्यास की अधिकता,रस,धातुओं का क्षय, मांसपेशियों में लेक्टिक धमनियां फूट आती हैं, जिससे दिल को खुराक मिलने लगती एसीड,साइट्रिक एसिड बढ़ने से रक्त चाप बढ़ना, खांसी, बुखार, है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी सैर बहुत फायदेमंद है। उल्टी आदि कष्ट हो सकते हैं।
नियमित सैर करने से शुगर का नियंत्रण और संतुलन बेहतर ___ 10.सैर हप्ते में कम से कम पांच दिन जरूर करें। वैसे | बनता है। जोड़ सूजे हों, साँस फूलती हो या किसी भी कारण से प्रतिदिन का व्यायाम ही लाभकर है।
कोई परेशानी हो तो यह सोचना सरासर गलत है कि मन में ____ 11.सैर पर निकलते समय यह ध्यान रखें कि तन पर उपयुक्त संकल्प हो तो रोग दूर भाग जाएगा। वस्त्र हों, ढीले वस्त्र जो मौसम के अनुकूल हों और पावों में ___अंत में हमारा स्वास्थ्य तभी ठीक हो सकेगा जब हमने पूर्व केनवास के आरामदेह जूते भी कसे हों तो बेहतर होगा। समय जन्म में रोगियों की सेवा की होगी, असहाय की सहायता की बचाने के चक्कर में इन छोटी,मगर महत्त्वपूर्ण बातों पर ध्यान न होगी, औषधि दान, आहारदान दिया हो। वर्तमान में दूसरे के देना कष्टकारी सिद्ध हो सकता है।
रोगों के प्रति सहानुभूति, सद्भावना रखनी होगी जीवन में मैत्री 12. सुबह सैर पर लाने से पहले शौचादि से निवृत्त होना | की भावना रखनी होगी क्योंकि मिलता वही है जो हम बोते हैं। चाहिए और खाली पेट एक दो गिलास पानी जितना सम्भव हो सके पानी पीकर सैर पर जाना चाहिए,लेकिन बीच में पानी नहीं
पुलिस ट्रेनिंग कालेज सागर (म.प्र.) पीना चाहिए।
विनय, वात्सल्य, एकता तीनों रत्नत्रय के समान हैं समाज की संरचना में इनका बहुमूल्य योगदान है।
सागर द समाय
जुलाई 2004 जिनभाषित 27
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