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________________ + पहले से भी अधिक सुगठित एवं अनुशासित बनाए रखने का | हैं। ठहरिये लेकिन आपके पास अभी भी विश्वास है, उत्साह है, संकल्प लिया है। इसके लिए निम्न विद्वानों की एक समिति ईश्वर पर आस्था है और प्रकृति की सत्ता को मानते है। और यह गठित की जाती है जानते एवं मानते हैं कि जब दवा काम नहीं करती हैं तो दुआ 1. डॉ. श्रेयांस कुमार जैन - परामर्श प्रमुख काम करती है और जब दुआ काम नहीं करती तो हवा काम करती है। 2. डॉ. अरुण कुमार जैन - संयोजक 3. ब्र. जय निशांत जैन - सदस्य आइये भाग्योदय तीर्थ प्राकृतिक चिकित्सा, सागर की सेवाएं लें, प्रत्यक्ष न मिल पाने पर प्रश्नोत्तरी माला में हमें लिख प्रा. निहालचंद जैन - सदस्य भेजें:5. पं. विनोद कुमार जैन - सदस्य 1. नाम प्रस्तावक : पं. जयन्त कुमार जैन, सीकर समर्थक : डॉ. नरेन्द्र कुमार जैन, सनावद पिता/पति का नाम प्रेषक : प्रा. अरुण कुमार जैन 3. लिंग उम्र पता प्राकृतिक चिकित्सा शिविर व्यवसाय/नौकरी योग, ध्यान, प्राकृतिक चिकित्सा के शिविर लगवाकर विवाहित/अविवाहित संतानें औषधिदान, आहारदान, अभयदान का सही सदुपयोग करें। 7. बीमारी कब से है/शुरुआत कैसे हुई लक्षण वगैरह महानुभाव, 8. वर्तमान में लक्षण व अनुभूति भाग्योदय तीर्थ प्राकृतिक चिकित्सालय, सागर जन- | 9. कहाँ-कहाँ, कब-कब, किस-किस चिकित्सा पद्धति से जन तक शाकाहार और औषिधिरहित, साइड इफेक्ट से दूर, इलाज लिया उसके परिणाम जैन पद्धति और प्रकृति पर आधारित चिकित्सा देने के लिए कृत | 10. ताजा रिपोर्ट का विवरण संकल्पित है। लेकिन किसी भी महायज्ञ को संपन्न कराने में | सभी की आहतियाँ लगती हैं। उन दानदाताओं, समाज सेवियों | 11. किसी प्रकार का एलजी से अनुरोध है कि जो अपनी चंचला लक्ष्मी का प्रयोग कर | 12. मानसिक परेशानी/पारिवारिक/सामाजिक/आर्थिक विवरण औषिधि दान, आहारदान और अभयदान में पुजिन करना | 13. बीमारी का आनवांशिकी संबंध यदि है तो चाहते हैं। वे अपने शहर-गांव में 10 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर (जिसमें मोटापा, डायबिटीज, आर्थराइटिस, सर्दी-जुकाम, | 14. हाइट वजन बुखार, पीलिया, कमर, पेट दर्द एवं महिलाओं संबंधी रोगों के 15. अन्य कोई जानकारी जो स्वास्थ्य से संबंधित हो लिए) लगवाकर शुद्ध शाकाहार और अहिंसा का प्रचार प्रसार | 16. विस्तृत विवरण के लिए अलग से पृष्ठ लगाकर जानकारी करें। भेजें। पाठकों के लिए ___भाग्योदय तीर्थ प्राकृतिक चिकित्सालय, सागर अपनी पत्र व्यवहार का पता : डॉ. रेखा जैन निःशुल्क सेवाएं देने तैयार हैं। अन्य व्यवस्थाएं आपको करनी मुख्य चिकित्सा प्रभारी होगी। शिविर की जानकारी हेतु लिखें या संपर्क करें। भाग्योदय तीर्थ प्राकृतिक चिकित्सालय खुरई रोड, सागर (म.प्र.) प्राकृतिक चिकित्सा स्वास्थ्य प्रश्नोत्तरी यदि आप बीमारी से तंग आ चुके हैं, दवाईयाँ ले-लेकर परेशान हो चुके हैं। दवाईयों के साइड इफेक्ट, आफटर इफेक्ट में कार्यशाला से परेशान हो चुके हैं और आपकी बीमारी को एक लंबा समय विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, वल्लभ नगर, भोपाल हो चुका है। आप ऐलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद व अन्य पैथियों | में मई 2004 के तृतीय सप्ताह में पर्सनाल्टी डेव्हलपमेंट तथा की दवाईयाँ और उपचार ले चुके हैं, लेकिन ठीक नहीं हो रहे कैरियर गाइडेंस कार्यशाला के समापन के अवसर पर न्यायमूर्ति विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट -जून जिनभाषित 2004 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524286
Book TitleJinabhashita 2004 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2004
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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