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तथा 50 ब्रह्मचारिणी दीदियों के साथ एलोरा गुरुकुल में दिनांक
एकान्तवाद का गढ़ ध्वस्त 22.04.2004 अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक प्रवेश हुआ। इस
करगुवाँ जी (झांसी) में शास्त्रिपरिषद्का विद्वत्प्रशिक्षण अवसर पर एलोरा-सज्जनपुर तथा परिसर का दिगम्बर जैन समाज
शिविर सम्पन्न बडी संख्या में उपस्थित था।
यहाँ श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सावलियाँ पार्श्वनाथ, प.पूज्य 105 दृढ़मती माताजी के साथ 32 आर्यिकाएं | करगवाँ जी (झाँसी) में अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रिजटवाडा, औरंगाबाद, कचनेर, पैठण क्षेत्र का दर्शन करके यहाँ परिषद् का विद्वत्-प्रशिक्षण शिविर एवं नैमित्तिक अधिवेशन आयीं। यहाँ प्रतिदिन आर्यिकाओं का षटखण्डागम एवं प्रवचनसार | पूज्य उपाध्यायरत्न ज्ञानसागर जी महाराज के संघ-सान्निध्य में का स्वाध्याय तथा समाज के लिए तत्वार्थसूत्र इत्यादि की कक्षाएं सफलतापूर्वक दिनांक 17 मई से 23 मई, 2004 के मध्य एवं विशेष अवसरों पर प्रवचनादि का भी आयोजन हो रहा है। आयोजित हुआ। पूज्य उपाध्याय रत्न ज्ञानसागरजी महाराज, माताजी के प्रवचनादि के माध्यम से परिसर में समाज को धर्मलाभ
प्रतिष्ठाचार्य पं. गुलाब चंद्र जैन 'पुष्प', प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश
जैन, फिरोजाबाद, डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत आदि विद्वानों प्राप्त हो रहा है।
द्वारा निमित्त-उपादान, निश्चयनय व व्यवहारनय, आगम और दिनांक 16.05.2004 को पं. श्री रतनलाल जी बैनाड़ा
अध्यात्म, क्रमबद्ध पर्याय एवं पुरुषार्थ, सम्यग्दर्शन व चार अनुयोग आगरावालों का आर्यिकादर्शन एवं क्षेत्र दर्शन हेतु आगमन हुआ।।
विषयों पर आगम एवं युक्ति पूर्वक विद्वत्तापूर्ण व्याख्यानों से संस्था द्वारा की गई व्यवस्था-तथा संस्था कार्यप्रणाली को देखकर एकान्तवाद के गढ़ ध्वस्त हो गए एवं समाज में एकान्तवादियों श्री बैनाड़ा जी ने संस्था की सराहना की।
द्वारा प्रसृत्त भ्रांतियों का निराकरण किया जाकर स्याद्वादी पताका दिनांक 17.05.2004 को किशनगढ़ निवासी दानवीर श्रीमान दोधूयमान हो गयी। अशोककुमार जी पाटनी, आर. के. मार्बल का आगमन माताजी सप्तदिवसीय इस शिविर में शास्त्रि-परिषद् के आह्वान पर के दर्शन हेतु हुआ। आपने "आ. विद्यासागर सभागृह'' के
| देश के विभिन्न भागों से अर्द्धशताधिक विद्वानों ने भाग लेकर निर्माण हेतु 11,11,111/- राशि की स्वीकृत दी। तथा कार्य को
आगम और अध्यात्म के विविध रहस्यों पर नाना प्रमाण समन्वित
प्रशिक्षण प्राप्त किया। शीघ्रातिशीघ्र शुरु कर पूर्ण करने को कहा। आपने इससे पूर्व भी "आ. आर्यनंदी छात्रावास" हेतु 251,000/- की राशि दी थी।
प्रशिक्षण-कक्षाएँ डॉ. श्रेयांस कुमार (सिद्धांत), डॉ. कमलेश दो वर्ष पूर्व अनंतमती माताजी एवं आदर्शमती माताजी के चातुर्मास
कुमार जैन (तत्त्वार्थ सूत्र), प्रा. अरुण कुमार जैन (व्याकरण
शास्त्र व छंद विज्ञान), ब्र. जय निशांत जैन (विधि विधान), पं. के दरम्यान प्रतीभामंडल की ब्रह्मचारिणी बहनों की व्यवस्था के
विनोद कुमार जैन (वास्तु विद्या), पं. गजेन्द्र कुमार जैन (ज्योति लिए भी 5 लाख की राशि आपने दी थी।
विज्ञान) द्वारा संचालित हुयीं। गुरुकुल के प्रतीभावंत छात्रों के लिए पिछले 4 सालों से
अधिवेशन में सहस्राधिक नर-नारियों एवं परिषद् के प्रतिवर्ष 52,200/- रु. की पुरस्कार राशि आपके द्वारा दी जा
अर्धशताधिक विद्वान सदस्यों की उपस्थिति में निम्न प्रस्ताव रही है। भविष्य में इस पुरुस्कार राशि को कायम रखने का पारित किये गये। 20 जून 1993 को मोराजी, सागर में पारित आश्वासन श्री अशोक जी पाटनी साहब ने दिया। "आप काम प्रस्ताव को किंचित् परिवर्तन के साथ पुनः प्रस्तुति। करते रहो-आगे और आगे बढ़ते रहो- पैसों की चिंता मत
प्रस्ताव क्र. 1 अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रिकरो" ऐस आश्वासन बड़ी विनम्रता के साथ आपने किया। साथ परिषद् का यह खुला अधिवेशन जैन श्रावक एवं साधु-समाज ही श्री ओमप्रकाश जी जैन साल ग्रप. सरतवालों ने भी निर्माण में चरणानयोग प्रतिपादित मर्यादाओं के प्रतिपालन में बढ़ती हई कार्य में आर्थिक सहकार्य की भावना जताई।
उपेक्षा-वृत्ति पर चिंता व्यक्त करता है। वह यह अनुभव करता इस पूरी व्यवस्था को सुव्यवस्थित एवं सफल बनाने के
है कि एक ओर श्रावकों में जहाँ रात्रि भोजन एवं अभक्ष्य
भक्षण की प्रवृत्ति तथा नित्य देव-दर्शन, स्वाध्याय, संयम-सदाचार लिए श्री पन्नालाल जी गंगवाल, डॉ. प्रेमचंद पाटनी, श्री
आदि के प्रति उदासीनता बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर साधुकान्हेडसर, श्री निर्मलसर, श्री अनिलजी काला, श्री गौतमीजी
संघों में आती जा रही अनुशासन की कमी, स्वेच्छाचारिता, ठोले, श्री राजकुमार जी पांडे, जयचंद जी पाटनी, गुरुदेव समंतभद्र |
एकल विहार, मंदिर-आश्रमादि बनाने में अनुरक्तता आदि भी विद्या मंदिर का स्टाफ, तथा एलोरा-सज्जनपुर तथा परिसर का | खटकने वाली बातें हैं। जैन धर्म, समाज और संस्कृति की दिगम्बर जैन समाज अहर्निश प्रयत्नरत है।
जून जिनभाषित 2004 29
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