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________________ पहलू ठीक नहीं होंगे सिक्के का मूल्य नहीं होगा। शिलान्यास सम्पन्न धर्म वत्सल मातुश्री रूपाबाई जी का निधन राजधानी नई दिल्ली के प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर 'छतरपुर सनावद के धर्मनिष्ठ स्व. श्री अमोलकचन्द जी सर्राफ की | एक्सटेंशन' नामक कॉलोनी के सुरम्य वातावरण में दिनांक २४ धर्मपत्नी मात श्री रूपा बाई जी का ८४ वर्ष की अवस्था में ११ | अप्रैल २००४ वैशाख शुक्ल पंचमी के दिन शुभ मुहर्त में 'श्री अप्रैल २००४ को निधन हो गया। माँ रूपाबाई जी अत्यन्त धार्मिक महावीर दिगम्बर जैन मंदिर जी' का शिलान्यास भव्य समारोहपूर्वक प्रवृत्ति की सहृदय, संस्कारवान श्राविका थी। उन्होंने धर्म के सम्पन्न हुआ। समारोह का संचालन डॉ. सुदीप जैन ने किया। संस्कार अपनी ५ सन्तानों एवं उनके परिवारों में कूट-कूट कर भरे इस कार्यक्रम की विशेषता थी कि इसमें कोई बोलियाँ थे। इसी का प्रतिफल है उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री मोतीचन्द जी सम्प्रति | नहीं लगाई गयीं। तथा बिना भेद-भाव के सभी धर्मानुरागी भाई गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी के संघ में क्षुल्लकरत्न बहिनों को इस मंगल कृत्य में सहभागिता का सुअवसर दिया मोतीसागरजी के रूप में साधनारत है। गया। - डॉ. सुदीप जैन डॉ. शेखरचंद जैन अहिंसा इन्टरनेशनल दि. जैन शाकाहारसमिति की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित विश्व वंदनीय भगवान महावीर के २६०३ वें जन्मोत्सव के तीर्थंकर वाणी अहमदाबाद के यशस्वी सम्पादक तथा उपलक्ष्य में इस परिप्रेक्ष्य में संस्कारधानी की तीन शासकीय तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. | अस्पताल, गोटेगाँव शासकीय अस्पताल, नरसिंहपुर शासकीय शेखरचन्द्र जैन को श्री प्रेमचन्द जैन अहिंसा इन्टरनेशनल पत्रकारिता अस्पताल के जनरल वार्ड में १२० गोदरेज अलमारियाँ, १०० पुरस्कार से दिनांक २५.४.०४ को सम्मानित किये जाने की घोषणा कम्बल, १०० चादर, ४० स्टील पलंग, ४० गद्दे, ४० तकिया, की गई है। ४० पंखे, स्टेचर, ईजी चेयर, परदे, एवं सात सीमेंट बैंच दे रहे हैं। डॉ. अनुपम जैन, महामंत्री उक्त अस्पतालों का एक-एक वार्ड गोद में ले रहे हैं और जबतक ग्रामवासियों का शाकाहार का संकल्प मरीज भर्ती रहेगा अंडा-मांस का सेवन नहीं करेगा संपूर्ण शाकाहारी कुण्डलपर (नालंदा) बिहार, महावीर जयंती, ३ अप्रैल | रहेगा। इसी संदर्भ में बडी खेरमाई में ५०० वर्षों से दी जाने वाली २००४ के अवसर पर पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी की | बलि प्रथा को पूर्णतः बंद करवाया। प्रेरणा से अण्डा, माँस, मछली इत्यादि रूप माँसाहार का सेवन मैहर में ऊपर माँ के चरणों में यदा-कदा मांस चढ़ता था जीवन भर के लिए त्याग करने हेतु ग्रामवासियों से 'शाकाहार इस प्रथा को नगरनिगम एवं मैहर माँ की ट्रस्ट कमेटी से बंद संकल्प पत्र' भरवाए गए थे। कराया गया एवं ऊपर का क्षेत्र अहिंसा क्षेत्र घोषित कर दिया गया। ब्र. कु. बीना जैन (संघस्थ) अभी इस संस्था से लगभग ४००० लोगों को शाकाहारी सुमेरु पर्वत प्रतिष्ठापना दिवस मनाया गया बनाया गया है। वैशाख शुक्ला सप्तमी, २६ अप्रैल २००४ को जम्बूद्वीप श्री सुरेश चंद जैन,अध्यक्ष श्री दिगम्बर जैन शाकाहार परिषद जवाहरगंज, जबलपुर हस्तिनापुर स्थित सुमेरुपर्वत की प्रतिष्ठापना के २५ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सुमेरु पर्वत के १६ अकृत्रिम जिनमंदिरों के भगवन्तों शोक-संदेश का अभिषेक एवं पूजन विधान सम्पन्न किया गया। अत्यन्त सुप्रख्यात दानवीर, धर्मनिष्ठ, परम् गुरुभक्त, समाज ब्र. कु. स्वाति जैन (संघस्थ)| हितैषी, श्रेष्ठी कैलाशचन्द जी काला, साँभर का दिनांक २४.४.०४ जैन धर्म संबंधी अखिल भारतीय डाक टिकट को ७० वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो जाने से जैन समाज के एक ___ प्रदर्शनी में सुधीर जैन सर्वश्रेष्ठ रत्न की क्षति हो गई है। शांति मण्डल पूजा विधान के अवसर पर राजस्थान प्रान्तीय इन्दौर - केवल जैनधर्म संबंधी विषयों की एक अखिल दि. जैन महासभा, जैन समाज साँभर व प्रबन्धकारिणी श्री दि. जैन भारतीय डाक टिकट प्रदर्शनी 'महाप्रज्ञपेक्स २००४' इंदौर में अतिशय क्षेत्र लूणवां ने 'धर्मवीर' सम्मान से मरणोपरान्त सम्मानित विगत २९ एवं ३० मार्च २००४ को सम्पन्न हुई। अहमदाबाद, किया। परिवार द्वारा एक लाख रुपये की राशि का सेवार्थ ट्रस्ट भोपाल, सतना, बीकानेर, इंदौर, अजमेर, देवास, जोधपुर, गंगानगर, छात्रों के शिक्षा सहयोग हेतु तथा लगभग एक लाख रुपये स्थानीय खण्डवा, बालोद आदि शहरों के संग्रहकर्ताओं ने इसमें भाग लिया मंदिरजी सहित अन्य शुभ कार्यों में सहर्ष उनकी पुण्य स्मृति में जिसमें सतना (म.प्र.) के श्री सुधीर जैन के संग्रह को सर्वश्रेष्ठ त्याग किया गया है। सम्पूर्ण समीपस्थ क्षेत्र के सभी जैन व अजैन घोषित किया गया। डॉ. रवीन्द्र पहलवान, ९, टेलीफोन नगर इंदौर | उपस्थित महानुभावों ने भावभीनी श्रद्धाञ्जलि अर्पित की। धर्मचन्द गंगवाल महामंत्री- श्री दि.जैन अतिशय क्षेत्र, लूणवाँ 32 मई 2004 जिनभाषित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.524285
Book TitleJinabhashita 2004 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Jain
PublisherSarvoday Jain Vidyapith Agra
Publication Year2004
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jinabhashita, & India
File Size4 MB
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